चीन-यूरोप तक मार करने वाली अग्नि-5 का सातवां सफल परीक्षण, जल्द सेना में शामिल कर सकते हैं पीएम मोदी

By Ajit K DubeyFirst Published Dec 10, 2018, 3:33 PM IST
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अग्नि-5 का पहला सफल परीक्षण 2012, दूसरा 2013, तीसरा 2015, चौथा 2016, पांचवां जनवरी 2018, छठा जून 2018 एवं सातवां सफल परीक्षण 10 दिसंबर, 2018 को किया गया।

भारत ने 5,500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक मार करने वाली अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पांच का सातवां सफल परीक्षण किया है।  अब यह मिसालन ऑपरेशन के लिए पूरी तरह से तैयार है। ओडिशा के बालासोर तट पर हुए इस परीक्षण के बाद चीन और समूचे यूरोप तक मार करने में सक्षम अग्नि-5 मिसाइल को कभी भी स्ट्रैटिजिक फोर्सेस कमांड में शामिल किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एनडीए सरकार का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अग्नि-5 को सामरिक कमान में शामिल कर सकते हैं। अग्नि-5 का पहला सफल परीक्षण 2012, दूसरा 2013, तीसरा 2015, चौथा 2016, पांचवां जनवरी 2018, छठा जून 2018 एवं सातवां सफल परीक्षण 10 दिसंबर, 2018 को किया गया। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तैयार किया है।

700 किलोमीटर से 3,500 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली अग्नि सीरीज एक से चार तक की मिसाइलें पहले ही सामरिक कमान में शामिल की जा चुकी हैं। अग्नि 5 तकनीक के मामले में सबसे उन्नत मिसाइल है। यह नेवीगेशन, गाइडेंस, वॉरहेड और इंजन की अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के बाद भारत पांचवां देश है जिसके पास अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता है। यानी भारत एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक 5000 किलोमीटर से ज्यादा की मारक क्षमता रखने वाला देश है। 

अग्नि-5 मिसाइल को अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) स्थित एकीकृत परीक्षण क्षेत्र के परिसर 4 से हवा में दागा गया। अग्नि -5 मिसाइल 17.5 मीटर लंबी, 2 मीटर चौड़ी, 50 टन वजन वाली मिसाइल है। यह डेढ़ टन पेलोड ले जाने की ताकत रखती है। इसकी गति ध्वनि की गति से 24 गुना अधिक है। 

डीआरडीओ के सूत्रों की मानें तो अग्नि 5 ने सोमवार दोपहर डेढ़ बजे हिंद महासागर में अचूक निशाना लगाया। अग्नि -5 अग्नि सीरीज की मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया है। पृथ्वी और धनुष जैसी कम दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइलों के अलावा भारत के मिसाइल बेडे़ में अग्नि 1, अग्नि-2 और अग्नि-3 मिसाइल हैं। इन्हें पाकिस्तान को ध्यान में रखकर बनाया गया है। वहीं दूसरी तरफ अग्नि-4 एवं अग्नि-5 मिसाइल को चीन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। 

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