मोदी सरकार के कार्यकाल में भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया लगाातार जारी है। अब सेना ने पाकिस्तान से लगी सीमा पर इंटेग्रेटेड बैटल ग्रुप्स(IBG) तैनात करने का फैसला किया है। जल्दी ही इसे चीन की सीमा पर भी तैनात कर दिया जाएगा।
नई दिल्ली: भारतीय सेना अक्टूबर के महीने तक पाकिस्तान से लगने वाली सीमाओं पर इंटेग्रेडेट बैटल ग्रुप्स की तैनाती कर देगा। पाकिस्तान की सीमा पर दो से तीन आईबीजी की तैनाती होगी। इसके बाद जल्दी ही इसे चीन से लगी सीमा पर भी तैनात किया जाएगा।
इंटेग्रेटेड बैटल ग्रुप यानी आईबीजी में सेना के 5 हजार उच्च प्रशिक्षित जवान होते हैं। जिनकी कमान मेजर जनरल के हाथ में होती है। खास बात यह है कि यह आईबीजी दुश्मन के किसी भी हमले का तुरंत जवाब देने में सक्षम होता है।
आईबीजी के पास अपना खुद का एयर डिफेन्स सिस्टम, तोप और टैंक होते हैं। इसकी वजह से इसे किसी भी बाहरी हमले की स्थिति में मदद का इंतजार नहीं करना पड़ता है। यह किसी भी हमले का तुरंत जवाब देने के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित और हथियारों से सुसज्जित होता है।
सेना पहले ब्रिगेड सिस्टम पर काम करती थी। एक ब्रिगेड में तीन से चार यूनिट होती थीं। एक यूनिट में लगभग 800 जवान होते थे। इनका प्रशिक्षण दूसरे तरह का होता था। ब्रिगेड के पास अपना एयर डिफेन्स, तोपखाना या टैंक यूनिट नहीं होती है। इसकी वजह से हमले की स्थिति में जवाब देने के लिए इन्हें पीछे से टैंक रेजिमेन्ट, तोपखाना या वायुसेना का इंतजार करना पड़ता था।
लेकिन इंटेग्रेटेड बैटल ग्रुप दुश्मन के किसी भी वार का जवाब देने के लिए पूरी तरह सुसज्जित औऱ तैयार होता है। इसे बस आदेश का इंतजार होता है।
इंटेग्रेडेट बैटल ग्रुप बनाए जाने की योजना पर सेना पिछले चार महीने से लगी हुई है। इसकी घोषणा सबसे पहले फरवरी के महीने में की गई थी। जिसके बाद कई महीनों तक पंजाब के वेस्टर्न कमांड में इसका अभ्यास भी किया गया। सेना ने इस नए प्लान को मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय के पास भेजा था। जहां से हरी झंडी मिलने के बाद इसे पाकिस्तान से लगी सीमा पर तैनात करने का फैसला किया गया है।
एक आईबीजी में सेना के दो ग्रुप काम करते हैं। जिन्हें दो तरह से अभ्यास कराया गया है। इसके लिए सैन्य दलों को दो हिस्सों में विभाजित किया गया है। पहले दल की भूमिका सीमा पार से हुए हमले में आक्रामक भूमिका निभाने का होगा, जबकि दूसरा दल दुश्मन के हमले को रोक कर अपने इलाके का बचाव करेगा।
आईबीजी में शामिल किए गए टैंकों की संख्या और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे इसे दुश्मन के क्षेत्र में घुसकर हमला करने में कोई मुश्किल नहीं आए।
सेना ने जानकारी दी है कि 'इस साल अक्टूबर तक पाकिस्तान सीमा पर हम दो से तीन आईबीजी बनाना शुरू करने जा रहे हैं। इसके बाद चीन की सीमा पर भी बैटल ग्रुप्स का विस्तार होगा।'
आईबीजी सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत के प्रयासों से कार्यरुप में आया है। पिछले हफ्ते सेना के 7 कमांडरों की बैठक में आईबीजी को लेकर युद्ध कक्ष में विस्तार से चर्चा की गई थी। जिसके बाद इसकी तैनाती का फैसला किया गया।