- चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने कहा, पुलवामा हमले की साजिश जैश, आईएसआई ने रची। घाटी में जो घुसपैठ करेगा, वह जिंदा नहीं लौटेगा।
पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड रशीद गाजी को ढेर करने के बाद सेना ने आतंकियों और उनके परिजनों को सख्त संदेश दिया है। सेना ने दो टूक कहा है कि आतंकी या तो हथियार छोड़ दें या फिर गोली काने के लिए तैयार रहें। सेना ने कहा कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को पाकिस्तान आर्मी का बच्चा बताते हुए सेना ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में घाटी से आतंकियों के सफाये का ऑपरेशन जारी रहेगा और उन्हें चुन-चुनकर मारा जाएगा।
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में सरआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस ढिल्लन ने कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक एस पी पाणि और सीआरपीएफ के महानिरीक्षक जुल्फिकार हसन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
ढिल्लन ने कहा कि उन्होंने सभी कश्मीरी आतंकवादियों की माताओं से कहा है कि वे अपने बेटों को आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार करें। अधिकारी ने कहा, ‘बंदूक उठाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।’ ढिल्लन के अनुसार सुरक्षाबल 14 फरवरी को हुए हमले के बाद से ही जैश के शीर्ष आकाओं का पता लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले शीर्ष कमांडर को ढेर कर दिया है।’
KJS Dhillon, Corps Commander of Chinar Corps, Indian Army: There is no doubt that Pakistan Army & ISI is involved. JeM is a child of the Pakistan Army. pic.twitter.com/uGhNkrimQw
— ANI (@ANI)लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन ने जैश के चीफ कमांडर गाजी रशीद के लिए कहा, 'कितने गाजी आए कितने चले गए, हम उन्हें ऐसे ही हैंडल करेंगे कोई भी आए।' उन्होंने कहा, 'हमारा फोकस क्लियर है जो भी घाटी में घुसपैठ करेगा, वह जिंदा नहीं लौटेगा।' उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में पाकिस्तान द्वारा घुसपैठ जारी है, लेकिन घुसपैठ में काफी हद तक कमी आई है।
KJS Dhillon, Corps Commander of Chinar Corps, Indian Army: Our focus is clear on counter-terrorism operations. We are very clear that anyone who enters Kashmir Valley will not go back alive. pic.twitter.com/hSXmPoPmwb
— ANI (@ANI)पुलवामा जिले के पिंगलान क्षेत्र में सोमवार को 16 घंटे तक चली मुठभेड़ में जैश के तीन आतंकवादी ढेर कर दिए गए। वहीं, सेना का एक मेजर और चार अन्य जवान शहीद हो गए। मुठभेड़ 14 फरवरी को हुए हमले की जगह से करीब 12 किलोमीटर दूर हुई थी। वहीं सीरपीएफ के आईजी जुल्फिकार हसन ने कहा, 'शहीद हुए जवानों के परिवार से कहना चाहूंगा कि आप अपने को अकेले न समझें। आपके लिए हर वक्त हम खड़े हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में पढ़ने वाले कश्मीरी बच्चों के लिए भी हम हेल्पलाइन चला रहे हैं, ताकि उन्हें अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े।'