भारतीय बच्चों ने कर दिया यह अनोखा कमाल

By Team MyNationFirst Published Jan 25, 2019, 4:36 PM IST
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चेन्नई के छात्रों के एक समूह ने दुनिया का सबसे छोटा और सैटेलाइट तैयार किया है। इसे इसरो ने लांच भी कर दिया है। इस सैटेलाइट का नाम पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर ‘कलामसैट’ रखा गया है।  
 

इसरो के लॉन्चिंग स्टेशन श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट कलामसैट वी-2 को लॉन्च कर दिया गया। इसका वजन मात्र 1.2 किलोग्राम है। दुनिया में इससे छोटा और हल्का सैटेलाइट कभी लांच नहीं किया गया था। 

इस सैटेलाइट को को चैन्नई के स्पेस एजुकेशन फर्म स्पेस किड्ज़ इंडिया नाम की स्टार्ट-अप कंपनी के बैनर तले बच्चों ने बनाया है। यह फर्म इसरो अध्यक्ष के. सिवन की प्रेरणा से बच्चों ने तैयार की है। 

उन्होंने कलामसैट  के लांच के मौके पर कहा कि इसरो भारत के सभी छात्रों से निवेदन करता है कि वे अपने विज्ञान के नए आविष्कारों को लेकर हमारे पास आएं। हम उनके उपग्रह लॉन्च करेंगे और हम चाहते हैं कि वो देश को विज्ञान की दिशा में आगे बढ़ाएं।

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ISRO is open to all students of India. Bring to us your satellites and we will launch it for you. Let's make India into a science-fairing nation. Dr K Sivan pic.twitter.com/plfKbNE7U0

— ISRO (@isro)

कलामसैट को बच्चों। ने जरूर तैयार किया है, लेकिन यह बड़े काम का है। इस सैटेलाइट को हैम रेडियो ट्रांसमिशन (शौकिया रेडियो ट्रांसमिशन) के कम्युनिकेशन सैटेलाइट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। दरअसल, हैम रेडियो ट्रांसमिशन से मतलब वायरलैस कम्युनिकेशन के उस रूप से है जिसका इस्तेमाल पेशेवर गतिविधियों में नहीं किया जाता है।

मिशन की सफलता पर पीएम मोदी ने भी इसरो को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि, 'PSLV के एक और सफल प्रक्षेपण के लिए हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई। इस लॉन्च ने भारत के प्रतिभाशाली छात्रों द्वारा निर्मित कलामसैट को ऑर्बिट में प्रक्षेपित किया।' 

Heartiest congratulations to our space scientists for yet another successful launch of PSLV.

This launch has put in orbit Kalamsat, built by India's talented students.

— Narendra Modi (@narendramodi)

पिछले साल भी एक भारतीय छात्र ने मात्र 64 ग्राम का हल्का उपग्रह बनाया था, जिसे नासा ने चार घंटे के मिशन पर सब-ऑर्बिटल फ़्लाइट पर भेजा था। 
 

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