मंहगाई दर में गिरावट, सवा साल के निचले स्तर पर पहुंची

By Team MyNation  |  First Published Dec 13, 2018, 12:52 PM IST

नवंबर में देश की महंगाई दर सवा साल के निचले स्तर पर आ गयी है। जो आम आदमी के लिए राहत की खबर है। पिछले महीने यानी नवंबर में रिटेल महंगाई 2.3 फीसदी रही जबकि अक्टूबर में ये दर 3.3 फीसदी थी। वहीं खाद्य महंगाई दर गिरकर -0.86 फीसदी पर पहुंच गयी है। जानकारों के मुताबिक महंगाई दर में गिरावट और औद्योगिक विकासदर में इजाफे का असर जीडीपी के आंकड़ों में देखने को मिलेगा

-जीडीपी बढ़ने की उम्मीद, शेयर बाजार पर दिखेगा असर

नई दिल्ली: मंहगाई को लेकर आम आदमी के लिए खुश खबरी है। क्योंकि देश में मंहगाई दर में गिरावट लगातार दर्ज की गयी है। नवंबर में देश की महंगाई दर सवा साल के निचले स्तर पर आ गयी है। जो आम आदमी के लिए राहत की खबर है। पिछले महीने यानी नवंबर में रिटेल महंगाई 2.3 फीसदी रही जबकि अक्टूबर में ये दर 3.3 फीसदी थी। वहीं खाद्य महंगाई दर गिरकर -0.86 फीसदी पर पहुंच गयी है। जानकारों के मुताबिक महंगाई दर में गिरावट और औद्योगिक विकासदर में इजाफे का असर जीडीपी के आंकड़ों में देखने को मिलेगा साथ ही शेयर बाजार में सकारात्मक रूख देखने को मिलेगा।

 केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी सीएसओ के आंकड़ों के मुताबिक देश में  उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में 2.33 फीसदी रही जबकि पिछले महीने ये 3.3 थी। पिछले साल नवंबर में ये दर 4.88 फीसदी थी। वहीं औद्योगिक उत्पादन में भी आंकड़े अच्छे दर्ज किए गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में देश के औद्योगिक उत्पादन में 8.1 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई, जो पिछले 11 महीनों में के उच्च स्तर पर है। हालांकि पिछले साल नवंबर में औद्योगिक उत्पादन की ग्रोथ रेट 8.5 फीसदी रही थी।

आंकड़ों के मुताबिक खनन, बिजली, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल गुड्स में अच्छी विकासदर दर्ज की गयी है। अप्रैल-अक्टूबर के दौरान औद्योगिक उत्पादन 5.6 फीसदी की दर से बढ़ा, जबकि  पिछले साल की इसी अवधि में 2.5 फीसदी थी। सीएसओ के मुताबकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अक्टूबर में विकास दर 7.9 फीसदी, खनन में विकास दर 7 फीसदी रही, बिजली क्षेत्र में विकास दर 10.8 फीसदी, कैपिटल गुड्स क्षेत्र में 16.8 फीसदी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स क्षेत्र में 17.6 फीसदी रही, जबकि पिछले साल उत्पादन में 9 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गयी थी।

बाजार के जानकारों का कहना है कि इन आंकड़ों से घरेलू शेयर बाजार में तेजी आने के साथ ही अक्टूबर-दिसंबर तिमाही की जीडीपी ग्रोथ में तेजी देखने को मिली सकती है। जानकारों का कहना है कि मंहगाई दर में गिरावट का कारण उत्पादन बढ़ने के साथ ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में गिरावट आना है।

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