राज्य सरकार के इस फैसले के बाद भाजपा आक्रामक हो गई थी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई नेताओं ने इस फैसले का विरोध किया था। इसके बाद भाजपा को बैठे बैठाए एक बड़ा मुद्दा मिल गया। अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं और राज्य सरकार का ये फैसला सरकार के लिए मुसीबत बन सकता था। लिहाजा इस फैसले को वापस लेना ही राज्य सरकार ने बेहतर समझा।
वदेमातरम पर मध्य प्रदेश के साथ ही देश में मचे सियासी बवाल के बाद अब कमलनाथ ने इसके प्रतिबंध पर अपना फैसला बदल दिया है। कमलनाथ ने भाजपा सरकार के फैसले में कुछ तब्दीलियां की हैं। अब इसके तहत वंदेमातरम हर महीने के पहले कार्यदिवस पर सुबह 10.45 बजे पुलिस बैंड के साथ शौर्य स्मारक से वल्लभ भवन तक मार्च करते हुए गाया जाएगा। ऐसा माना जा रहा कि आगामी लोकसभा चुनावों के देखते हुए कमलनाथ ने दबाव में फैसला वापस लिया है।
राज्य की कमलनाथ सरकार ने सोमवार को राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में वंदेमातरम के गाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद वह विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए थे। उनके इस फैसले पर सोशल मीडिया में भी जबरदस्त प्रतिक्रियाएं आ रही थी। लिहाजा मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले को तूल देने से ज्यादा इसका पटाक्षेप करना बेहतर समझा। कमलनाथ ने खुद इस पर बयान जारी कर कहा है कि गाने के स्वरुप को बदला गया है। लिहाजा आज इस पर आदेश जारी कर दिया है। भोपाल में अब आकर्षक स्वरूप में पुलिस बैंड और आम लोगों की सहभागिता के साथ वंदे मातरम् का गायन होगा।
राज्य सरकार के इस फैसले के बाद भाजपा आक्रामक हो गई थी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई नेताओं ने इस फैसले का विरोध किया था। इसके बाद भाजपा को बैठे बैठाए एक बड़ा मुद्दा मिल गया। अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं और राज्य सरकार का ये फैसला सरकार के लिए मुसीबत बन सकता था। लिहाजा इस फैसले को वापस लेना ही राज्य सरकार ने बेहतर समझा। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही राज्य में सरकारी कर्मचारियों के वंदेमातरम गीत पर रोक लगा दी थी।
कमलनाथ सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में राजनीति शुरू हो गयी और विपक्ष कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया था। राज्य में कांग्रेस की सरकार बने महज तीन हफ्ते ही हुए हैं और राज्य सरकार ने अपने चुनावी एजेंडे को लागू करना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने अहम फैसला लेते हुए आज राज्य के सरकारी कर्मचारियों के वंदेमातरम गीत गाने के फैसले पर रोक लगा दी है। राज्य की पूर्व भाजपा सरकार ने राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए वंदे मातरम गीत गाने को अनिवार्य किया था।
इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों के संघ के शाखाओं में जाने पर छूट दे रखी थी। लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही वंदेमातरम की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। कमलनाथ सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य सचिवालय के बाहर हर महीने की पहली कामकाजी तारीख को वंदे मातरम नहीं गाया जाएगा। लिहाजा हर महीने के पहले कामकाजी दिन में भोपाल स्थित मंत्रालय में होने वाला वंदे मातरम कार्यक्रम में आज एक जनवरी को इसे नहीं गाया गया।