भारत सरकार के नए मुख्य आर्थिक सलाहकार बने डॉ. कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यन

By Team MyNationFirst Published Dec 7, 2018, 6:02 PM IST
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भारत सरकार के एक बेहद अहम पद यानी मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर पर डॉ. कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यन की नियुक्ति हुई है। उन्होंने अरविंद सुब्रमण्यम की जगह ली है। 

मोदी सरकार ने नए मुख्‍य आर्थिक सलाहकार पर पर डॉ. कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यन को नियुक्त कर दिया है। उनकी नियुक्ति 3 साल के लिए हुई है। सुब्रमण्यम इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस(आईएसबी) हैदराबाद में प्रोफेसर रहे हैं। उन्होंने देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं आईआईटी और आईआईएम से पढ़ाई की है। 

कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने उन्होंने शिकागो बूथ से पीएचडी की है। वह बैंकिंग, कॉर्पोरेट गवर्नेंस और इकोनॉमिक पॉलिसी के विशेषज्ञ हैं। 

Dr.Krishnamurthy Subramanian, Associate Prof. & ED (CAF), ISB ,Hyderabad has been appointed to the post of the Chief Economic Adviser (CEA) for a period of 3 years w.e.f. the date of his assumption of charge of the post, or until further orders, whichever is earlier.

— Ministry of Finance (@FinMinIndia)

डॉ. कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यन का भारत के बैंकिंग सुधारों में बड़ा योगदान है। वह सेबी और रिजर्व बैंक की कई कमेटी में शामिल रहे हैं। इसके अलावा सुब्रमण्यन बंधन बैंक के बोर्ड के भी सदस्य रहे हैं। 

देश का मुख्य आर्थिक सलाहकार होना एक जिम्मेदारी भरा काम है। वह आम तौर पर वित्त मंत्री को बड़े आर्थिक मामलों और छमाही विश्लेषण तथा आर्थिक सर्वेक्षण सहित कई जगहों पर बेहद जरुरी सलाह देने का काम करते हैं। 
कृष्णमूर्ति के पूर्ववर्ती आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्‍यन ने साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद इस साल की शुरूआत में अपना पद छोड़ा था।  जिसके बाद से वित्त मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार का पद खाली पड़ा हुआ था। 
कृष्णमूर्ति की नियुक्ति पर जारी हुई सरकारी अधिसूचना में बताया गया है कि ‘नियुक्ति मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी प्रदान कर दी है।'

कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम के बारे में कुच दिलचस्प जानकारियां  

कृष्णमूर्ति ने शिकागो-बूथ से पीएचडी की है और वह प्रथम रैंक प्राप्त करने वाले आईआईटी-आईआईएम के पूर्व छात्र है।
 
वह बैंकिंग, कॉर्पोरेट प्रशासन और आर्थिक नीति में दुनिया के अग्रणी विशेषज्ञों में से एक है।
 
उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिए भारतीय प्रतिभूति, विनिमय बोर्ड (सेबी) और बैंकों के कार्यों के लिए कॉर्पोरेट गवर्नेंस के साथ विशेषज्ञ समितियों पर भी कार्य किया है।
 
वह वैकल्पिक निवेश नीति, प्राथमिक बाजार, माध्यमिक बाजार और अनुसंधान पर सेबी की स्थायी समितियों के सदस्य के रूप में भी कार्य करते है।
 
वह पूर्वी भारत में स्वतंत्रता के बाद लाइसेंस प्राप्त करने वाले पहले बैंक बंधन बैंक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बैंक मैनेजमेंट और आरबीआई अकादमी के लिए भी कार्य करते है।

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