मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने स्थानीय औकाफ कमेटी के सदस्यों एवं परिवारों की भी मदद ली। छिपे हुए आतंकियों से बात करने के लिए एक मजिस्ट्रेट को भी मुठभेड़ स्थल पर लाया गया। लेकिन आतंकियों ने बच्चे की निर्ममता से हत्या कर दी।
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा के हाजिन में हुई मुठभेड़ में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा के दो टॉप कमांडरों की मौत के बाद एक हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है। इस मुठभेड़ के दौरान आतंकियों ने बंधक बनाए एक 12 साल के मासूम बच्चे की हत्या कर दी। यह बच्चा उस लड़की भाई बताया जा रहा है, जिससे एक टॉप आतंकी कमांडर जबरन शादी करना चाहता था। परिजनों पर लड़की से मिलवाने का दबाव बनाने के लिए ही उसने मासूम बच्चे को बंधक बनाया था। सुरक्षा बलों से घिरने और लड़की से मुलाकात की इच्छा पूरी न होती देख आतंकी ने बच्चे की निर्मम हत्या कर दी।
अधिकारियों ने बताया कि हाजिन मुठभेड़ बृहस्पतिवार देर रात शुरू हुई थी। आतंकियों के स्थानीय लोगों को बंधक बनाने की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने ऐहतियात बरती। इसके बाद सुरक्षा बलों ने 60 साल के अब्दुल हामिद मीर को आतंकियों के कब्जे से सुरक्षित रिहा करवा लिया।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बांदीपोरा के हाजिन मुठभेड़ में मारे गए 12 साल के मासूम की पहचान आतिफ मीर के तौर पर हुई है। पुलिस के मुताबिक, मारे गए दो आतंकियों में से एक स्थानीय लड़की से जबरन शादी करना चाहता था। इसके लिए उसने लड़की के परिवार के पांच लोगों को बंधक बना लिया। उसने धमकी दी कि लड़की के आने के बाद ही परिजनों को रिहा करेगा। हालांकि सुरक्षा बलों ने एक नाबालिग लड़की समेत पांच सदस्यों को आतंकियों के चंगुल से किसी तरह सुरक्षित निकाल लिया। लेकिन आतंकियों ने 12 साल के आतिफ को नहीं छोड़ा।
हाजिर के मीर मोहल्ला गांव में हुई इस मुठभेड़ के दौरान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें मासूम बच्चे के माता-पिता आतंकियों से उनके बेटे को छोड़ने की गुहार लगा रहे हैं। माता-पिता को लश्कर-ए-तय्यबा के आतंकियों से यह कहते हुए साफ सुना जा सकता है कि 'यह जिहाद नहीं, जहालत है। हमारे बच्चे को छोड़ दो।' हालांकि बाद में दोनों आतंकी मारे गए। उनकी पहचान अली भाई उर्फ फुरकान और हुबैब के तौर पर हुई है।
मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने स्थानीय औकाफ कमेटी के सदस्यों एवं परिवारों की भी मदद ली। छिपे हुए आतंकियों से बात करने के लिए एक मजिस्ट्रेट को भी मुठभेड़ स्थल पर लाया गया। लेकिन आतंकियों ने बच्चे की निर्ममता से हत्या कर दी।
आतंकियों के छिपे होने के सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों की संयुक्त दस्ते ने मीर मोहल्ला गांव में कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन चलाया। इसके बाद आतंकियों ने उन पर गोलीबारी कर दी। सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गई। इसके बाद रात में ऑपरेशन रोक दिया गया। सुबह आतंकियों की कैद से बच्चे को निकालने की काफी कोशिश की गई। जब आतंकियों ने बच्चे को मार डाला तो सुरक्षा बलों ने चौतरफा घेराबंदी करते हुए आतंकियों को मार गिराया।
यह घर अब्दुल हामिद मीर का था। मुठभेड़ के दौरान घर को काफी नुकसान पहुंचा है। घटनास्थल से मासूम बच्चे और दोनों आतंकियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। पुलिस ने घटनास्थल से दो एके-47 राइफलें भी बरामद की हैं। मारे गए दो आतंकियों में से एक की पहचान अली भाई के रूप में हुई है। उसे इस इलाके में लंबे समय से सक्रिय लश्कर-ए-तय्यबा का कमांडर बताया जा रहा है। मुठभेड़ में मारे गए दोनों आतंकी पाकिस्तानी मूल के हैं।