कैबिनेट विस्तार को लेकर राज्य की छह महीने पुरानी भाजपा सरकार में असंतोष की लहर चल रही है। राज्य में येदियुरप्पा ने सीएम बनने के वक्त 20 अगस्त, 2019 में 17 मंत्रियों को शामिल किया था। लेकिन राज्य में कांग्रेस और जेडी (एस) के दल बदलुओं ने भाजपा का दामन थामा था और राज्य में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार को सत्ता से बाहर किया था।
बेंगलूरू। कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा सरकार का 6 फरवरी को दूसरा कैबिनेट विस्तार हो रहा है। माना जा रहा है कि इससे विस्तार के जरिए मुख्यमंत्री भाजपा विधायकों की नाराजगी दूर करेंगे। वहीं इस कैबिनेट विस्तार में उन लोगों के नाराज होने की आशंका जताई जा रही है तो कई महीनों से कैबिनेट विस्तार में जगह मिलने की आस लगाए हुए हैं। हालांकि सीएम पहले ही साफ कर चुके हैं कि इसमें 13 विधायकों को शामिल किया जाएगा।
कैबिनेट विस्तार को लेकर राज्य की छह महीने पुरानी भाजपा सरकार में असंतोष की लहर चल रही है। राज्य में येदियुरप्पा ने सीएम बनने के वक्त 20 अगस्त, 2019 में 17 मंत्रियों को शामिल किया था। लेकिन राज्य में कांग्रेस और जेडी (एस) के दल बदलुओं ने भाजपा का दामन थामा था और राज्य में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार को सत्ता से बाहर किया था। जिसके बाद राज्य में हुए उपचुनाव में इन बागियों ने जीत दर्ज की थी।
फिलहाल माना जा रहा है कि चन्नापटना विधानसभा क्षेत्र से एच डी कुमारस्वामी से हारने वाले महादेवपुरा के विधायक अरविंद लिंबावली, हुक्केरी के विधायक उमेश कट्टी और सी पी योगेश्वर को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। वहीं कहा जा रहा है कि अगर योगेश्वर को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो वह उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सवदिव को हारने के बाद दूसरे मंत्री होंगे। हालांकि कैबिनेट विस्तार से पहले कांग्रेस और जद (एस) के बागी जो अब भाजपा के विधायक बन चुके हैं।
उनकी बेंगलुरु में एक बैठक हुई है। जिसमें कैबिनेट में शामिल होने के लेकर बातचीत हुई है। गौरतलब है कि येदियुरप्पा को आलाकमान से कैबिनेट विस्तार के लिए हरी झंडी मिल गई है और अब ये तय करेगा कि येदियुरप्पा किन विधायकों को कैबिनेट में शामिल करते हैं। हालांकि वह पहले ही कह चुके हैं कि राज्य कैबिनेट में उपचुनाव जीतने वाले विधायकों को शामिल किया जाएगा।