महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। शिवसेना राज्यपाल के सामने सरकार बनाने के लिए बहुमत पेश नहीं कर पाई और उसमें दो दिन का समय मांगा था। जिसे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अस्वीकार कर दिया है। वहीं कल रात को राज्यपाल ने एनसीपी को तीसरे बड़े दल होने के नाते सरकार बनाने का न्योता दिया था। जो आज शाम साढ़े आठ बजे खत्म हो रहा है।
मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच जो 50-50 पेंच बना था और जिसके कारण शिवसेना ने भाजपा के साथ तीन दशक पुराना रिश्ता तोड़ा था। अब वही शिवसेना की फांस बन गया है। क्योंकि एनसीपी ने भी शिवसेना के साथ 50-50 के फार्मूले को लागू करने की शर्त रखी है। जिसके कारण शिवसेना अब ठगा महसूस कर रही है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। शिवसेना राज्यपाल के सामने सरकार बनाने के लिए बहुमत पेश नहीं कर पाई और उसमें दो दिन का समय मांगा था। जिसे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अस्वीकार कर दिया है। वहीं कल रात को राज्यपाल ने एनसीपी को तीसरे बड़े दल होने के नाते सरकार बनाने का न्योता दिया था। जो आज शाम साढ़े आठ बजे खत्म हो रहा है। वहीं अब खबर आ रही है कि एनसीपी ने भी शिवसेना के साथ राज्य में 50-50 के फॉर्मूले पर सरकार बनाने की शर्त रखी है।
हालांकि कल ही एनसीपी ने शर्त रखी थी कि पहले शिवसेना को भाजपा से रिश्तों को खत्म करना होगा और उसे गठबंधन तोड़ना होगा। जिसके बाद दोपहर में शिवसेना के कोटे के मंत्री अरविंद सावंत ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देकर एनडीए से रिश्ता तोड़ने का ऐलान किया। लेकिन अब एनसीपी की ये बड़ी शर्त शिवसेना के गले की फांस बन गई है। क्योंकि राज्य में अगर शिवसेना को सरकार बनानी है तो उसे एनसीपी की बात माननी ही होगी। लिहाजा अब शिवसेना राज्य में ठगा महसूस कर रही है। क्योंकि एनसीपी का कहना है कि उसके दो ही विधायक कम हैं और ऐसे में 50-50 के फार्मूले के जरिए राज्य में सरकार बनना चाहिए।
कांग्रेस ने नहीं खोले पत्ते
कांग्रेस ने राज्य में सरकार को समर्थन देने के मामले में अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। कांग्रेस के नेताओं की देर रात तक बैठक होती रही। लिहाजा इसके बैठक के बाद आज कांग्रेस पूरी तरह से शांत हो गई है। क्योंकि शिवसेना और एनसीपी के बीच किसी भी तरह की सरकार को लेकर सहमति नहीं बनी है। लिहाजा कांग्रेस मौके पर नजर रखी हुई है।
एनसीपी और शिवसेना में अभी तक नहीं बनी सहमति
एनसीपी और शिवसेना में सरकार को लेकर कोई सहमति नहीं बनी है। लिहाजा तभी कल रात शिवसेना नेता अकेले राज्यपाल से मिलने पहुंचे। इस मौके पर कोई भी एनसीपी का नेता उनके साथ नहीं था। हालांकि राज्यपाल ने बाद में एनसीपी नेता अजित पवार को बुलाकर राज्य में सरकार बनाने का न्योता दिया था।
जानें क्या है राज्य का बहुमत का आंकड़ा
राज्य की 288 सीटों में से 105 सीटें भाजपा के पास हैं। जबकि शिवसेना दूसरा बड़ा दल है और उसके पास 56 विधायक हैं जबकि एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। राज्य में शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है। लेकिन अकेले बलबूते नहीं। लिहाजा अब कांग्रेस और एनसीपी भी शिवसेना पर 50-50 का फार्मूला लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं।