हालांकि इससे पहले राज्यपाल ने राज्य सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया था। क्योंकि कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन दो में लोगों ने मस्जिदों में नमाज पड़ी जबकि प्रशासन ने इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं की। जिसके बाद राज्यपाल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया था। हालांकि इससे पहले राज्यपाल ने कहा था कि राज्य के मंत्रियों को अपने वेतन में कटौती कर कोरोना संक्रमण के लिए बनाए गए कोष में जमा करना चाहिए।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जयदीप धनखड़ के बीच वार एक बार फिर शुरू हो गया है। ममता ने धनखड़ पर लगाया कि वह सत्ता हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं राज्यपाल ने इसका जवाब ममता को दिया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ राज्य में सत्ता को हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। ममता ने कहा कि राज्यपाल अफसर और मंत्रियों के खिलाफ बयान दे रहे हैं जो अपमानजक है। हालांकि इससे पहले राज्यपाल ने राज्य सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया था। क्योंकि कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन दो में लोगों ने मस्जिदों में नमाज पड़ी जबकि प्रशासन ने इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं की। जिसके बाद राज्यपाल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया था।
हालांकि इससे पहले राज्यपाल ने कहा था कि राज्य के मंत्रियों को अपने वेतन में कटौती कर कोरोना संक्रमण के लिए बनाए गए कोष में जमा करना चाहिए। उन्होंने कई राज्य सरकार को भी उदाहरण दिया था। जिसको लेकर ममता बनर्जी ने तीखी आलोचना की थी। अब ममता के सत्ता हथियाने वाले बयान के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि यह झगड़ने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पत्र तथ्यों और कानून के आधार पर हैं।
ममता ने राज्यपाल को भेजे दो पत्र
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने को पिछले हफ्ते राज्यपाल ने 2 पत्र भेजे थे, जिसके बाद ममता ने यह तीखी टिप्पणी की है। कोरोना संक्रमण के बीच पश्चिम बंगाल सरकार और राज्यपाल के बीच तकरार चल रही है। ममता बनर्जी ने धनखड़ को 13 पन्नों का पत्र लिखा था। ममता ने कहा कि वह संवैधानिक पदों का सम्मान नहीं कर रहे हैं और मेरे और मेरे मंत्रियों तथा मेरे अफसरों के खिलाफ बयान दे रहे हैं। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, राज्यपाल ने राज्य सरकार की विफलताओं पर उंगली उठाकर सही कार्य किया है। राज्यपाल का पद संवैधानिक है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए। ममता बनर्जी अपने पत्रों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही हैं।