ममता VS सीबीआईः लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, सरकार ने जांच एजेंसी को काम से रोकने को अभूतपूर्व घटना बताया

By Team MyNation  |  First Published Feb 4, 2019, 1:11 PM IST

- केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जांच की इजाजत। जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे कोलकाता के कमिश्नर। 

पश्चिम बंगाल में सीबीआई अफसरों के कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पहुंचने के बाद हुआ 'हंगामा' लोकसभा में भी जारी रहा। सीबीआई की कार्रवाई का विरोध करते हुए विपक्ष ने जमकर शोरशराबा किया। केंद्र सरकार की तरफ से गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे मामले पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि सीबीआई को काम करने से रोकना अभूतपूर्व है। 

HM Singh in Lok Sabha on CBI action in West Bengal yesterday: SC in its earlier order on the CBI investigation of Saradha chit fund case had said that CBI in its investigation till now had found involvement of many political & influential persons.

— ANI (@ANI)

सारदा घोटाले का जिक्र करते हुए राजनाथ ने कहा कि लाखों लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पने वाली कंपनी के खिलाफ सीबीआई को जांच की इजाजत सुप्रीम कोर्ट से मिली थी। मामले की पूछताछ के लिए ही सीबीआई की टीम रविवार को राजीव कुमार के घर पहुंची थी। वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे और लगातार समन के बावजूद पूछताछ में हिस्सा लेने नहीं आए थे। इसीलिए सीबीआई को उनसे पूछताछ के लिए जाना पड़ा। राजनाथ ने कहा कि पूछताछ के लिए पहुंची टीम को पुलिस ने रोका और बलपूर्वक हिरासत में ले लिया था। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि ऐसी घटना से देश के संघीय ढांचे को खतरा है। राजनाथ के बयान के दौरान भी विपक्ष सदन में नारेबाजी करता रहा। उनकी तरफ से 'सीबीआई तोता है, चौकीदार चोर है' के नारे लगाए जाते रहे। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित  कर दिया गया।

इससे पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पुलिस कमिश्नर के घर सीबीआई टीम के पहुंचने की आलोचना की। उन्हों कहा कि सीबीआई को हथियार बनाकर भाजपा विपक्षी पार्टियों को खत्म करना चाहती है। खड़गे बोले, 'कौन सा कानून ऐसा बोलता है कि आप शाम को 7 बजे एक पुलिस अफसर को गिरफ्तार करने के लिए 40 लोग लेकर जाओ।' 

इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। प्रश्नकाल शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने कहा कि उन्होंने कार्यस्थगन प्रस्ताव दे रखा है। इस पर सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह प्रश्नकाल के बाद इस पर विचार करेंगी। इस पर तृणमूल के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। उन्होंने ‘लोकतंत्र बचाओ’ और ‘संविधान बचाओ’ के नारे लगाए।

इस दौरान कांग्रेस के सदस्य भी राफेल मामले की जांच की मांग करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां भी ले रखी थीं। राजद सदस्य जयप्रकाश नारायण यादव भी तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के साथ नारेबाजी करते देखे गए। तेलुगू देशम पार्टी के सदस्य भी आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हुए आसन के निकट पहुंच गए।
 

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