पीएम मोदी बोले, नेशनल वार मैमोरियल सेनाओं का कर्ज चुकाने का छोटा सा प्रयास, खासियतें भी बताईं

पीएम मोदी ने कहा, मुझे खुशी है कि यह स्मारक इतने कम समय में बनकर तैयार हो चुका है। 25 फरवरी को हम करोड़ों देशवासी इस राष्ट्रीय सैनिक स्मारक को हमारी सेना को सुपुर्द करेंगे।

Mann Ki Baat: Prime Minister Narendra Modi will dedicate National War memorial to the nation on February 25

अपने कार्यकाल के अंतिम रेडिया संबोधन 'मन की बात' सेना के बलिदान और साहस को नमन करते हुए बताया कि नेशनल वार मैमोरियल बनकर तैयार हो चुका है और सोमवार को इसे सेना को सौंप दिया जाएगा। 

Mann Ki Baat: Prime Minister Narendra Modi will dedicate National War memorial to the nation on February 25

पीएम मोदी ने कहा, 'हमने नेशनल वार मैमोरियल के निर्माण का निर्णय लिया और मुझे खुशी है कि यह स्मारक इतने कम समय में बनकर तैयार हो चुका है। 25 फरवरी को हम करोड़ों देशवासी इस राष्ट्रीय सैनिक स्मारक को हमारी सेना को सुपुर्द करेंगे। देश अपना कर्ज चुकाने का एक छोटा सा प्रयास करेगा।'

मुझे आश्चर्य भी होता था और पीड़ा भी कि भारत में कोई National War Memorial नहीं था | एक ऐसा मेमोरियल, जहाँ राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की शौर्य-गाथाओं को संजो कर रखा जा सके | मैंने निश्चय किया कि देश में, एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिये: PM pic.twitter.com/03B3gs8iO8

— PMO India (@PMOIndia)

उन्होंने कहा, दिल्ली के दिल यानि वो जगह, जहां पर इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति मौजूद है बस उसके ठीक नजदीक में एक नया स्मारक बनाया गया है। मुझे विश्वास है ये देशवासियों के लिए राष्ट्रीय सैनिक स्मारक जाना किसी तीर्थ स्थल जाने के समान होगा। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक स्वतंत्रता के बाद सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है। स्मारक का डिजाइन, हमारे अमर सैनिकों के अदम्य साहस को प्रदर्शित करता है। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का कांसेप्ट, चार चक्रों पर केंद्रित है, जहां एक सैनिक के जन्म से लेकर शहादत तक की यात्रा का चित्रण है। अमर चक्र की लौ, शहीद सैनिक की अमरता का प्रतीक है। दूसरा चक्र वीरता चक्र का है जो सैनिकों के साहस और बहादुरी को प्रदर्शित करता है। यह एक ऐसी गैलरी है, जहां दीवारों पर सैनिकों की बहादुरी के कारनामों को उकेरा गया है। इसके बाद, त्याग चक्र है यह चक्र सैनिकों के बलिदान को प्रदर्शित करता है। 

पीएम ने बताया कि यहां देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं। इसके बाद रक्षक चक्र, सुरक्षा को प्रदर्शित करता है। इस चक्र में घने पेड़ों की पंक्ति है। ये पेड़ सैनिकों के प्रतीक हैं और देश के नागरिकों को यह विश्वास दिलाते हुए सन्देश दे रहे हैं कि हर पहर सैनिक सीमा पर तैनात है और देशवासी सुरक्षित है। कुल मिला कर देखें तो राष्ट्रीय सैनिक स्मारक की पहचान एक ऐसे स्थान के रूप में बनेगी जहां लोग देश के महान शहीदों के बारे में जानकारी लेने, अपनी कृतज्ञता प्रकट करने, उन पर शोध करने के उद्देश्य से आयेंगे। यहाँ उन बलिदानियों की कहानी है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण नयौछावर कर दिए हैं ताकि हम जीवित रह सकें ताकि देश सुरक्षित रहे और विकास कर सके। देश के विकास में हमारे सशस्त्र बलों, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के महान योगदान को शब्दों में अभिव्यक्त करना संभव नहीं है। 

पीएम ने कहा, पिछले साल अक्टूबर में मुझे नेशनल पुलिस मैमोरियल को भी देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला था। वह भी हमारे उस विचार का प्रतिबिम्ब था जिसके तहत हम मानते हैं कि देश को उन पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए जो अनवरत हमारी सुरक्षा में जुटे रहते हैं। मैं आशा करता हूं कि आप राष्ट्रीय सैनिक स्मारक और नेशनल पुलिस मैमोरियल को देखने जरुर जायेंगे। आप जब भी जाएं वहां ली गई अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करें ताकि दूसरें लोगों को भी इससे प्रेरणा मिले और वे भी इस पवित्र स्थल, इस मैमोरियल को देखने के लिए उत्सुक हों।

vuukle one pixel image
click me!