कांग्रेस-बसपा के बीच बयानबाजी के बाद मायावती अमेठी और रायबरेली में उतार सकती हैं प्रत्याशी?

By Team MyNationFirst Published Mar 13, 2019, 8:56 AM IST
Highlights

लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनैतिक दलों में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की विपक्षी दलों को लेकर महागठंधन बनाने इच्छा पूरी नहीं हो पायी है। 

नई दिल्ली/लखनऊ।

लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनैतिक दलों में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की विपक्षी दलों को लेकर महागठंधन बनाने इच्छा पूरी नहीं हो पायी है। लेकिन अब कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी से मध्य प्रदेश में उसको समर्थन दे रही बहुजन समाजवादी पार्टी अमेठी और रायबरेली में अपने प्रत्याशी उतार सकती है। फिलहाल पार्टी के रणनीतिकार इस दिशा में मंथन कर रहे हैं। 

अभी तक उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन ने रायबरेली और अमेठी में अपने प्रत्याशी न उतारने का फैसला किया हुआ है। लेकिन कांग्रेस के नेताओं की बयानबाजी के बाद मायावती खासी नाराज हैं और आने वाले दिनों में इन दोनों सीटों पर फैसला कर सकती हैं। उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन में लड़ रही है। अभी तक इन दलों ने कांग्रेस को इससे बाहर रखा गया था। लेकिन गठबंधन ने रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस के लिए सीटें छोड़ी थी। उधर कांग्रेस ने बयान देकर कहा था कि वह भी गठबंधन के नेताओं के लिए सीटें छोड़ेगी। इसे सपा और बसपा पर कटाक्ष माना जा रहा था।

लेकिन अब कांग्रेस और बसपा के बीच बयानबाजी का दौरा शुरू हो गया है। कल ही बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि वह किसी भी राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी तो उसके तुरंत बाद कांग्रेंस ने भी बयान दे कर कहा कि उसे बसपा की जरूरत नहीं है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के नेताओं की बयानबाजी से मायावती खासी नाराज हैं। लिहाजा आने वाले दिनों में मायावती रायबरेली और अमेठी सीट के लिए अपने प्रत्याशी घोषित कर सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो इससे कांग्रेस को खासा नुकसान होगा।

कांग्रेस भी राज्य में अकेले चुनाव लड़ रही है और पहले कांग्रेस ने राज्य में सभी विपक्षी दलों का एक महागठबंधन बनाने की कोशिश की थी। लेकिन सपा और बसपा ने कांग्रेस को तवज्जो नहीं दी। जिसके कारण अन्य राज्यों में कांग्रेस का सपा और बसपा के साथ गठबंधन नहीं हो पाया है। हालांकि बसपा कांग्रेस को मध्य प्रदेश और राजस्थान में समर्थन दे रही है। लेकिन कांग्रेस और बसपा के बीच आयी खटास से नुकसान कांग्रेस को ही होगा।
 

click me!