प्रिया रमानी के वकील ने एम जे अकबर पर पत्रकारिता को धोखा देने का आरोप लगाया है। प्रिया रमानी ने दावा किया कि अकबर पहले कांग्रेस में शामिल हुए और फिर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा प्रिया रमानी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान एम जे अकबर ने कहा मैं प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा इसलिए दर्ज कराया क्योंकि उनके द्वारा लगाए गए आरोप आधारहीन है और झूठे है।
अकबर ने कहा जिस समय यह आरोप लगाया गया था उस समय मैं साउथ अफ्रीका दौरे पर थे। इसलिए केस फ़ाइल करने से पहले राज्य विदेश मंत्री पद से इस्तिफा दिया उसके बाद केस किया। अकबर ने कहा जिस तरह का प्रिया रमानी ने ट्वीटर पर भाषा का इस्तेमाल किया उससे उन्हें बेहद दुख हुआ है।
अकबर ने कहा कि उनकी भाषा बेहद ऑफेंसिव थी। उससे मेरे ही नही बल्कि मेरे परिवार की छवि धूमिल हुई। अकबर ने कहा मैंने पत्रकारिता का एक आयाम दिया है। बहुत लोगों को नौकरी दी है उसके बावजूद मेरे ऊपर इस तरह का आधारहीन आरोप लगाए गए।
प्रिया रमानी के वकील ने एम जे अकबर पर पत्रकारिता को धोखा देने का आरोप लगाया है। प्रिया रमानी ने दावा किया कि अकबर पहले कांग्रेस में शामिल हुए और फिर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। लिहाजा एक बात साफ है कि अकबर ने अपनी आइडियोलॉजी बदल ली है। इस दलील पर रमानी ने दावा किया कि आने वाले दिनों में अकबर खुद पर लगे आरोपों को भी नकार देंगे।
खासबात है कि कोर्ट में बहस के दौरान कहा गया कि 1989 में सांसद रहे अकबर के खिलाफ 2003 में दिल्ली हाइकोर्ट ने गलत रेपिर्टिंग के मामले में अवमानना का केस चलाया था और अकबर द्वारा माफी मांगने के बाद इस केस को खत्म किया गया. हालांकि कोर्ट में पेश इस तथ्य पर अकबर ने दावा किया कि उन्हें प्रकरण याद नहीं है।