अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में गिरफ्तार बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को पटियाला हाउस कोर्ट ने ईडी के मामले में 26 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जबकि सीबीआई के मामले में मिशेल की न्यायिक हिरासत 27 फरवरी तक रहेगी।
कोर्ट ने ईडी को आदेश दिया है कि आरोपी को सप्लीमेंटरी चार्ज सीट की कॉपी दी जाए। पिछली सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को बताया था कि आरोपी मिशेल ने पूछताछ के दौरान मिसेज गांधी का नाम लिया था। लेकिन किस संदर्भ में नाम लिया नही पता। जिसके बाद ईडी ने मिशेल के वकील की पहुंच पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है।
इतना ही नही मिशेल ने इटली की एक महिला और उसके बेटे का भी जिक्र किया जो भारत का संभावित प्रधानमंत्री बनने वाला है।
मिशेल का एक सनसनीखेज पत्र भी सामने आया है जो कई चीजें उजागर करता है। यह पत्र फिनमैकेनिका कंपनी के सीईओ जुगेपी ओरसी को लिखा गया था।
इस पत्र के मुताबिक उन्होंने सत्ताधारी पार्टी यानी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर दबाव बनवाया था। इस पत्र से यह भी पता चलता है कि मिशेल को इस सौदे से जुड़ी सभी जानकारियां संबंधित मंत्रालयों से मिल रही थी।
28 अगस्त 2009 को लिखे इस पत्र के मुताबिक मिशेल को अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे से जुड़ी सभी जानकारियां प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्रालय समेत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मिल रही थी। उसे तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की मुलाकात और उनके बीच हुई बातचीत के बारे में भी पता था।
ओरसी को लिखे इस पत्र में मिशेल ने दावा किया था कि इस मुद्दे पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी यानि सीसीएस की जो बैठक होने वाली है, उसके बारे में उसे जानकारी है। इस मसले पर प्रधानमंत्री, संयुक्त सचिव और रक्षा सचिव के बीच चल रही बातचीत के बारे में भी उसे पता है। इतना ही नही उसने लिखा था कि तत्कालीन रक्षा मंत्री उनके साथ सौदा करने के पक्ष में थे।
गौरतलब है कि 2012 में क्रिश्चियन मिशेल का नाम अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में 3600 करोड़ रुपये का सौदा कराने और भारतीय अधिकारियों को अनुचित तरीके से लाभ पहुचाने वाले बिचौलिये के रूप में सामने आया था। इस मामले में दो अन्य बिचौलियो के नाम राल्फ गिडो हस्के और कालरे गेरोसा है। काफी प्रयासों के बाद क्रिश्चियन मिशेल को यूएई से प्रत्यर्पित करके भारत लाया जा सका था।