असल में उत्तर प्रदेश की जेलों में माफिया जमकर मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। जिला प्रशासन और पुलिस भी जेलों में छापेमारी करती है तो उन्हें मोबाइल फोन मिलते हैं। जिसको लेकर अब सरकार सख्त है। हालांकि जेलों जैमर भी लगाए गए हैं। लेकिन उसके बावजूद मोबाइल का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार अब जेलों में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोन के लिए सख्त कानून बनाने जा रही है। इसके तहत अगर अब यूपी की जेलों में मोबाइल फोन मिला तो उसके तीन साल की जेल होगी। इसके लिए कारागार विभाग 1894 के प्रिजन ऐक्ट की धारा 42 और 43 में संशोधन कर नए नियम बनाने जा रहा है।
असल में उत्तर प्रदेश की जेलों में माफिया जमकर मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। जिला प्रशासन और पुलिस भी जेलों में छापेमारी करती है तो उन्हें मोबाइल फोन मिलते हैं। जिसको लेकर अब सरकार सख्त है। हालांकि जेलों जैमर भी लगाए गए हैं। लेकिन उसके बावजूद मोबाइल का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसको लेकर अब योगी सरकार ने सरकार ने पुराने कानून में बदलाव कर नए नियम बनाने का फैसला किया है।
नए नियमों के मुताबिक जेल में मोबाइल फोन समेत अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं पकड़े जाने के बाद तीन साल की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना होगा। वहीं अगर किसी अपराध के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल हुआ तो इसके लिए तीन साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना अलग से होगा। बहरहाल अब योगी सरकार जेलों में नजर रखने के लिए विडियो वॉल तैयार कर रही है।
इसको कारागार निदेशालय में स्थापित किया जाएगा। जिसके जरिए राज्य के 72 जेलों पर नजर सीधे मुख्यालय से रखी जाएगी। वहीं जेलों पर कड़ी निगरानी के लिए सभी जेलों में 30 से 35 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इन कैमरों का लाइव फीड हाई स्पीड इंटरनेट के जरिए मुख्यालय स्थित विडियो वॉल पर मिलेगा।
इस प्रॉजेक्ट पर 42 करोड़ रुपये खर्च आने की उम्मीद की जा रही है। इस बारे में डीजी जेल आनन्द कुमार के मुताबिक मुख्यालय में विडियो वॉल कंट्रोल रूम में पैनल लगाया जा रहा है। जिसके जरिए राज्य की 72 जेले सीधे तौर पर मुख्यालय की नजर में होंगी और इन जेलों में चल रही हरकतों को जूम इन और जूम आउट के जरिए देखा जा सकेगा।