लोकसभा चुनाव 2019 में पूर्ण बहुमत हासिल करके आई मोदी सरकार किसानों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। सरकार किसानों को एक लाख रुपए तक की ब्याज मुक्त कर्ज राशि देने पर विचार कर रही है। इसके अलावा किसान सम्मान निधि की रकम भी बढ़ाई जा सकती है।
नई दिल्ली: नरेन्द्र मोदी सरकार इस बार के बजट में किसानों के लिए कुछ बड़े ऐलान करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए आम बजट से ठीक पहले कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की हाई पावर कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी की सिफारिशों के आधार पर किसानों के लिए कई तरह की रियाततों की घोषणा की जा सकती है।
मुख्यमंत्रियों की कमिटी के संयोजक हैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस
किसानों के हित के लिए केन्द्र सरकार ने मुख्यमंत्रियों की हाई पावर कमिटी बनाई है। जिसके सदस्य कर्नाटक, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री होंगे। इस कमिटी का संयोजक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को बनाया गया है।
यह कमेटी कृषि में व्यापक सुधार और किसानों की आमदनी बढ़ाने के उपायों पर विचार करने के लिए बनाई गई है। जो कि दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। हालांकि इसकी रिपोर्ट आने से पहले ही मोदी सरकार ने 14.5 करोड़ परिवारों तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का विस्तार किया है और 14 फसलों की एमएसपी बढ़ा दी गई है। इसके अलावा बुजुर्ग किसानों के लिए पेंशन का भी प्रावधान किया गया है।
बढ़ सकती है किसान सम्मान निधि की राशि
फिलहाल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को साल में 6 हजार रुपए दिए जाते हैं। लेकिन खबर है कि जल्दी ही सरकार यह रकम बढ़ाकर 8 हजार रुपए प्रतिवर्ष कर सकती है। इस स्कीम को देश के 14.5 करोड़ किसानों तक पहुंचाया गया है।
किसानों को एक लाख तक ब्याज मुक्त कर्ज देने की तैयारी
इस बार के बजट में किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड पर एक(1) लाख रुपए तक ब्याजमुक्त लोन देने का प्रावधान करने वाली है। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट तीन लाख रुपए तक बढ़ाई जा सकती है। दरअसल बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि दोबारा सत्ता में लौटने पर मोदी सरकार एक से पांच साल तक के लिए जीरो परसेंट ब्याज पर एक लाख का कृषि कर्ज उपलब्ध कराएगी।
पशुपालन के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड का होगा उपयोग
किसान क्रेडिट कार्ड अब सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रहेगा। मोदी सरकार ने इसकी सुविधा पशुपालन और मछलीपालन के लिए भी उपलब्ध करवा दी है। हालांकि इन दोनों श्रेणियों में अधिकतम दो लाख रुपये तक का ही लोन लिया जा सकता है। जबकि खेती-किसानी के लिए तीन लाख रुपये तक मिल जाते हैं।
कम पानी वाली फसलों को मिलेगा प्रोत्साहन
देश के किसानों को कम पानी वाली फसलें उगाने पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके लिए हरियाणा की खट्टर सरकार ने पहल भी शुरु कर दी है। हरियाणा में सरकार ने ऐलान किया है कि ज्यादा पानी की खपत वाली धान की फसल के अलावा दूसरी फसल उपजाने पर प्रति एकड़ 200 रुपए की मदद दी जाएगी।
अब केन्द्र सरकार इसी तरह की स्कीम सभी राज्यों के किसानों के लिए लाने जा रही है। दरअसल नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कृषि क्षेत्र में जल संकट के लिए धान और गन्ने की फसलें भी जिम्मेदार है। क्योंकि यह दोनों फसलें उपजाने में सबसे ज्यादा पानी की खपत होती है। इसीलिए केन्द्र सरकार इन कम पानी की खपत वाली फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहन दे रही है।