भाजपा से वफादारी का मिला ईनाम, पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र बने हिमाचल प्रदेश के नए राज्यपाल

By Team MyNation  |  First Published Jul 15, 2019, 3:14 PM IST

भाजपा के बुजुर्ग राजनेता कलराज मिश्र को पार्टी के प्रति उनकी वफादारी का ईनाम मिला है। उन्हें हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। कलराज मिश्र ने बढ़ती उम्र का हवाला देकर साल 2017 में ही मंत्रिपद छोड़ दिया था और 2019 के चुनाव में भी नहीं उतरे थे। 
 

लखनऊ. अपनी उम्र का हवाला देकर लोकसभा चुनाव न लड़ने का इनाम पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र को मोदी सरकार ने दिया है। कलराज मिश्र को हिमाचल प्रदेश का नया गवर्नर बनाया गया है। जबकि हिमांचल प्रदेश के गवर्नर आचार्य देवव्रत को गुजरात ट्रांसफर किया गया है। अगले तीन महीनों में 10 राज्यों के राज्यपालों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इनमें उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक भी शामिल हैं। रामनाईक का कार्यकाल 22 जुलाई को खत्म हो रहा है। इसी समय में सरकार को राज्यपालों की नियुक्ति करनी है, जिसकी शुरूआत सोमवार को हिमांचल प्रदेश के नए राज्यपाल की नियुक्ति को लेकर आदेश जारी कर दिए गए। 

इन राज्यों के राज्यपाल का खत्म हो रहा है कार्यकाल
गुजरात, नागालैंड, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान व केरला में अगले तीन महीनों में राज्यपालों का कायकाल समाप्त हो रहा है। मालूम हो कि हिमांचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को गुजरात भेजा गया है। 

अधिक उम्र के आधार पर कलराज ने छोड़ा था मंत्रिपद
2014 के लोकसभा चुनाव में कलराज मिश्र ने उत्तर प्रदेश की देवरिया सीट से चुनाव जीता था। तब उन्हें भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। लेकिन साल 2017 में जब कार्यकाल में तकरीबन दो साल का समय बचा हुआ था तो वे मोदी मंत्रिमंडल से हट गए थे। इसके पीछे उन्होंने अपनी उम्र 75 साल से अधिक होने का हवाला दिया था। इसी उम्र को आधार बताकर उन्होंने 2019 में चुनाव न लड़ने का भी ऐलान किया था। ऐसे में यह माना जा रहा था कि कलराज मिश्र को भी खुद ही सरकार से हटने का ईनाम राज्यपाल बनाकर दिया जा सकता है।

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