23 जनवरी, 2016 को भी मोदी सरकार ने नेताजी से जुड़ी कुछ गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया था। इस संबंध में पीएम मोदी ने नेताजी के परिजनों से वादा किया था।
कांग्रेस के लिए सियासी संकट साल 2019 में और बढ़ने वाला है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित कुछ बेहद संवेदनशील खुफिया फाइलों को सार्वजनिक कर सकती है। लंबे समय से इन फाइलों को जारी करने की मांग हो रही है। नेताजी के परिजन और इतिहासकार इन फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग अलग-अलग समय पर उठाते रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि मोदी सरकार 2019 के चुनाव से पहले नेताजी से जुड़ी कई गुप्त फाइलों को सार्वजनिक कर सकती है।
इन फाइलों से होने वाला खुलासा कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। अगर नेताजी के गायब होने और उनकी मौत से जुड़े रहस्य के संदर्भ में देखा जाए तो बोस परिवार की लंबे समय तक जासूसी कराए जाने का खुलासा बड़ा धमाका कर सकता है, क्योंकि इसके तार देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से जुड़े माने जाते हैं। बहरहाल, लंबे समय तक यह अफवाहें भी रहीं कि आजादी के कई दशक बाद तक उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में नेताजी रहे।
नेताजी से संबंधित विषयों के जानकार और इतिहासकार अनुज धर ने 'माय नेशन' को कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह देश के लिए गर्व का अवसर होगा। उन्होंने कहा, 'हमसे लंबे समय से यह वादा किया गया है कि इन खुफिया फाइलों को सार्वजनिक किया जाएगा। लेकिन मेरा मानना है कि यही उचित समय है। हम इन फाइलों के सार्वजनिक होने के बेहद करीब हैं। सरकार को अब इन्हें जारी कर देना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि इन रिकॉर्ड के सामने आने से नेताजी के जीवन के बारे में काफी चीजें सामने आ सकेंगी।'
23 जनवरी, 2016 को मोदी सरकार ने नेताजी से जुड़ी कुछ गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया था। इस संबंध में पीएम मोदी ने नेताजी के परिजनों से वादा किया था। इससे पहले बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने उसके पास उपलब्ध नेताजी की 64 फाइलों को सार्वजनिक किया था।
इस बीच कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक किए जाने की ओर इशारा किया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा आजाद हिंद सरकार के गठन की घोषणा के 75वें साल पर मोदी पोर्ट ब्लेयर के साउथ प्वाइंट पर तिरंगा फहराएंगे। इस कार्यक्रम में नेताजी के परिजन और उनके प्रवक्ता चंद्र कुमार बोस भी मौजूद रहेंगे।
मोदी जिन द्वीपों के नाम बदलने का ऐलान कर सकते हैं, उनमें रॉस आइलैंड, नील आइलैंड और हैवलॉक आइलैंड शामिल हैं। इन्हें क्रमश: नेताजी सुभाष चंद्र बोस आइलैंड, शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप नाम दिया जा सकता है।
धर के मुताबिक, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल लालकिले में नेताजी के दुरुस्त किए गए संग्रहालय का उद्घाटन कर सकते हैं।'