पांच दशकों से लंबित था यह फैसला, योजना पर आएगा 250 करोड़ रुपये खर्च। रामेश्वरम को धनुषकोडि से जोड़ने के लिए नई रेल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी।
आधारभूत ढांचे को गति देने के प्रयास में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देशभर के श्रद्धालुओं और विशेषकर रामभक्तों को नए साल का बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने रामेश्वरम को धनुषकोडि से जोड़ने के लिए नई रेल लाइन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। धनुषकोडि से ही रामसेतु शुरू होता है और उसके आगे श्रीलंका के तलाई मन्नार का क्षेत्र है। राम सेतु को एडम्स ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय रेलवे ने देश में पहली बार लिफ्ट की भांति सीधा ऊपर-नीचे होने वाले पुल के निर्माण को मंजूरी दी है।
केंद्र सरकार ने 104 साल पूरे कर चुके पंबन ब्रिज के समानांतर ही एक और ब्रिज बनाने के प्रस्ताव भी स्वीकार किया है। इस पुल को बनाने में 250 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। यह ब्रिज रामसेतु तक जाने के लिए रास्ते में आता है। मौजूदा पंबन ब्रिज 24 फरवरी 1914 को शुरू हुआ था और अब यह 100 से ज्यादा पुराना हो चुका है। इस ब्रिज की लंबाई लगभग दो किलोमीटर होगी। इस ब्रिज के बनने से रामसेतु तक आना जाना और आसान हो जाएगा। इस ब्रिज के निर्माण में यूरोप की तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
1964 के समुद्री तूफान में धनुषकोडि रेल लाइन बह गई थी। यहां आए तूफान में एक ट्रेन भी बह गई थी और सैंकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। यह इस रेल लाइन को बहाल करने का पहला प्रयास है। रेलवे द्वारा जारी किए गए एक ऑडियो विजुअल प्रोमो में दावा किया गया है कि पुरानी सरकारों ने इसकी अनदेखी की।
नए ब्रिज को पुराने ब्रिज से तीन मीटर ज्यादा ऊंचाई पर बनाया जाएगा। ताकि ज्वार-भाटा उठने के समय पानी पुल तक न पहुंच सके। भारत में पहली बार होगा जब पुल में बीच का हिस्सा लिफ्ट की भांति सीधा ऊपर-नीचे होगा ताकि ऊंचे जहाज भी आसानी से गुजर सकें। नए पुल का संचालन पूरी तरह ऑटोमैटिक होगा। साथ ही इसमें भविष्य के लिए दो रेल लाइन और इलेक्ट्रिफिकेशन को ध्यान में रखा जाएगा।
लगभग 208 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को रेलमंत्री पीयूष गोयल ने हरी झंडी दिखा दी है। इस प्रॉजेक्ट की लागत चूंकि बेहद कम है इसलिए इसे कैबिनेट में भेजने की जरूरत नहीं होगी। रेलवे जल्द ही इसका निर्माण शुरू कर देगा। इस रेल लाइन को बनाने के लिए डीपीआर की प्रक्रिया अगले महीने ही शुरू हो जाएगी।
रेलवे के सूत्रों का कहना है कि इस परियोजना से निकट भविष्य में श्रीलंका से रेल संपर्क स्थापित करने का रास्ता भी खुलेगा। यह फैसला काफी समय से लंबित था। वीडियो ट्वीट करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा है, 'भगवान श्री राम के श्रद्धालुओं को रेलवे कराएगी धनुषकोडि स्थित रामसेतु का दर्शन, रेल लाइन बिछाने का काम होगा जल्द शुरू।'
भगवान श्री राम के श्रद्धालुओं को रेलवे कराएगी धनुषकोडि स्थित रामसेतु का दर्शन, रेल लाइन बिछाने का काम होगा जल्द शुरू pic.twitter.com/2jC1IEfQRs
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal)