पीएम नरेंद्र मोदी 27 दिसंबर को इस पूरी योजना का प्रजेंटेशन देखने वाले हैं। अगर सब ठीक रहा, तो 15 जनवरी तक इस योजना का ऐलान किया जा सकता है। मोदी सरकार इस पर बीते दो साल से काम कर रही है।
नोटबंदी और एक बार में जीएसटी जैसे बड़े फैसले लेकर चौंकाने वाली मोदी सरकार अब नए साल में जनता को 'सरप्राइज गिफ्ट' देने जा रही है। सरकार यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई) लागू करने की तैयारी में है। यानी सरकार अपनी तरफ से देश के हर नागरिक को हर महीने कुछ रकम या 'सैलरी' देगी। चाहे वह काम करे या न करे। माना जा रहा है कि बृहस्पतिवार को कैबिनेट की बैठक में यूबीआई को लागू करने पर चर्चा होगी। यूबीआई के लागू होने पर इसका फायदा देश के हर नागरिक को मिलेगा। हालांकि शुरुआत में इसके दायरे को लेकर अटकलें हैं। इस तरह की योजना देश के कुछ राज्यों में चल रही है। सरकार इन योजनाओं को मिलाकार यूबीआई का आधार तय कर सकती है।
दरअसल, कुछ समय पहले सभी मंत्रालयों से यह सुझाव मांगा गया है कि स्कीम को सिर्फ किसानों के लिए लागू किया जाए या फिर बेरोजगारों और किसानों दोनों को इसके दायरे में लाया जाए। संभावना है कि सरकार एक पैनल भी गठित कर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ राज्यों में किसानों के लिए चल रही कल्याण योजनाओं के मॉडल पर कैबिनेट में चर्चा हो सकती है। ज्यादा जोर इस बात पर रहेगा कि आखिर स्कीम को कब और कैसे लागू किया जाए। सरकार की तरफ से अंतरिम बजट में इसका खाका पेश किया जा सकता है। कृषि मंत्रालय से भी इस स्कीम पर जानकारी मांगी गई है। इसके लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है।
क्या है यूनिवर्सल बेसिक इनकम
इस योजना के तहत हर शख्स को 2,000 से 2,500 रुपये तक हर महीने दिए जा सकते हैं। शुरुआत में किसानों और बेरोजगारों को इसमें शामिल करने की तैयारी हो रही है। शुरुआत में कम से कम 20 करोड़ लोगों को इस स्कीम में शामिल करने की कोशिश होगी। उन्हें बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी 27 दिसंबर को इस पूरी योजना का प्रजेंटेशन देखने वाले हैं। अगर सब ठीक रहा, तो 15 जनवरी तक इस योजना का ऐलान किया जा सकता है। मोदी सरकार इस पर बीते दो साल से काम कर रही है।