मोदी सरकार जल्द ही नौकरीपेशा लोगों को नए साल का तोहफा दे सकती है। सरकार ये फैसला आने वाले दिनों में लेगी, जिससे नौकरीपेशा लोगों को आर्थिक तौर पर लाभ मिलेगा।
मोदी सरकार जल्द ही नौकरीपेशा लोगों को नए साल का तोहफा दे सकती है। सरकार ये फैसला आने वाले दिनों में लेगी, जिससे नौकरीपेशा लोगों को आर्थिक तौर पर लाभ मिलेगा। असल में सरकार पीएफ की राशि को शेयर बाजार में लगाकर ज्यादा मुनाफा कमाने का आप्शन देने की तैयारी में है। यही नहीं अगर आप अपना पीएफ का पैसा सरकार योजनाओं में निवेश करना चाहते हैं। ये भी आप्शन आपके पास होगा।
इंप्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन यानी ईपीएफओ नौकरी पेशा लोगों को सेविंग से शेयर बाजार में किए जाने वाले निवेश को बढ़ाने या घटाने के विकल्प की तैयारी कर रहा है। इसका सीधा फायदा पीएफ आप्शन लेने वाले कर्मचारियों को मिलेगा। क्योंकि अगर कोई ज्यादा मुनाफा लेना चाहता है तो उसे जोखिम उठाना पड़ेगा। लेकिन इसमें फायदे के अवसर ज्यादा हैं। इसके अलावा कई अन्य सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स और फंड के मैनेजमेंट के लिए डिजिटल टूल्स जैसी सुविधाएं भी दी जा सकती हैं। ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव से पहले केंद्र सरकार नौकरी करने वालों के लिए नई सुविधा शुरू कर सकती है। ईपीएफओ वर्तमान में डिपॉजिट का 15 फीसदी तक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करता है और इसमें अभी तक 55000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। हालांकि ईटीएफ में किया गया निवेश खाताधारकों के खाते में नहीं दिखाई देता है। लिहाजा अब ईपीएफओ एक ऐसा साफ्टवेयर विकसित कर रहा है
जो रिटायरमेंट सेविंग्स के नकदी और ईटीएप के हिस्से को अलग-अलग दिखाएगा। पीएफ अकाउंट में अभी सिर्फ बचत दिखाई देती है, जिसमें नकदी और ईटीएफ शामिल होता है। इस सॉफ्टवेयर के बन जाने से कर्मचारी आसानी से अपने अकाउंट में दोनों को देख पाएगा। अगर उसे रिटर्न ज्यादा मिल रहा है तो वह ईटीएफ में और ज्यादा निवेश बढ़ा सकता है। ताकि अपनी सेवानिवृत्ति के लिए वह ज्यादा से ज्यादा धन एकत्रित कर सके। एक बार जब आपके ईपीएफ खाते में नकद और ईटीएफ का हिस्सा अलग-अलग दिखने लगेगा तो खाताधारकों को शेयर में निवेश बढ़ाने या घटाने का विकल्प देना होगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने पीएफ सब्सक्राइबर्स को शेयर निवेश सीमा को अधिक या कम करने की सुविधा उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाशने का सुझाव दिया था। जिसके बाद अब ईपीएफओ सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर देगा। ऐसा माना जा रहा है कि इससे करीब 20 करोड़ नौकरीपेशा लोगों को लाभ मिलेगा।