रोजाना 15 हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंच रहे हैं स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, जानें कितनी हो चुकी है कमाई

By Team MyNationFirst Published Nov 1, 2020, 10:13 AM IST
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जानकारी के मुताबिक गुजरात में स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का क्रेज इस कदर लोगों में देखने को मिल रहा है और रोजाना यहां पर आने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और इसके कारण सरकार को खासी आय भी रही है।

नई दिल्ली। तीन साल पहले गुजरात में बनाई गई दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति- स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने के लिए देश विदेश के पर्यटक काफी संख्या में आ रहे हैं और लोगों में इसको लेकर क्रेज दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। सरदार सरोवर डैम के पास बनाई गई लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की बनाई गई इस प्रतिमा की कारीगरी को देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग भारत आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक कोरोना संकटकाल से पहले इस प्रतिमा को देखने के लिए 43 लाख टूरिस्ट इसे देखने आ चुके हैं और इसके जरिए अभी तक सरकार को 120 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। जबकि इस प्रतिमा का बनाने में 3 हजार करोड़ की लागत आई है।

जानकारी के मुताबिक गुजरात में स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का क्रेज इस कदर लोगों में देखने को मिल रहा है और रोजाना यहां पर आने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और इसके कारण सरकार को खासी आय भी रही है। इस प्रतिमा की तुलना अब लोग अमेरिका के स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से करते हैं और इसको देखने के लिए उसकी तुलना में ज्यादा लोग देखने को आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस साल की शुरूआत में महज तीन महीने के दौरान इस स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए  15 हजार से ज्यादा लोग रोजाना देखने को आ रहे थे।

तीन साल पहले इस प्रतिमा को लॉच किया गया था और 1 नवंबर 2018 से 17 मार्च 2020 तक लगभग पूरी दुनिया के टूरिस्ट इस प्रतिता को देखने को आए थे। इस साल मार्च तक यहां पर 43 लाख पर्यटक आ चुके थे। इस प्रतिमा को देखने वालों के कारण अभी तक सरकार को120 करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है। वहीं स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को देखने वाले टूरिस्टों की संख्या लगातार बढ़ रही है और 31 अक्टूबर, 2018 के बाद से करीब एक साल में यहां 24 लाख से ज्यादा पर्यटकों ने इस प्रतिमा को देखा। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की पहले साल में आय 63.69 करोड़ रुपए थी और  2019 में देश के टॉप-5 स्मारकों में ये सबसे ज्यादा कमाई करने वाला पर्यटक स्थल बन  गया था। इस प्रतिमा को बनाने में सरकार ने 3000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का खर्च किया और इसकी लंबाई 182 मीटर है।


 

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