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एमपी की कमलनाथ सरकार ने मुस्लिम मौलवियों का बढ़ाया मानदेय

Published : Feb 25, 2020, 08:56 PM IST
एमपी की कमलनाथ सरकार ने मुस्लिम मौलवियों का बढ़ाया मानदेय

सार

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मौलवियों और मुअज्जिनों को दिए जाने वाले वेतनमान को बढ़ाने का आदेश दिया है। इन लोगों को दिए जाने वाले मौजूदा वेतनमान में 2,200 रुपये से लेकर 5,000 रुपये प्रति माह की वृद्धि की गई है। पिछले दिनों ही मध्य प्रदेश मस्जिद समिति के एक भवन के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सहमति दी थी।

भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आज राज्य में मुस्लिम मौलवियों और मुअज्जिनों को दिए जाने वाले वाले में इजाफा कर दिया है। राज्य सरकार ने मुस्लिम मोलवियों को दिए जाने वाले मानदेय को बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद राज्य की मुख्य विपक्षी भाजपा ने मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। हालांकि पिछले दिनों ही राज्य सरकार ने कहा था कि राज्य के मंदिरों के पास मौजूद अतिरिक्त जमीनों को वह बेचने के लिए योजना तैयार कर रही है।

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मौलवियों और मुअज्जिनों को दिए जाने वाले वेतनमान को बढ़ाने का आदेश दिया है। इन लोगों को दिए जाने वाले मौजूदा वेतनमान में 2,200 रुपये से लेकर 5,000 रुपये प्रति माह की वृद्धि की गई है। पिछले दिनों ही मध्य प्रदेश मस्जिद समिति के एक भवन के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सहमति दी थी। इस ऐलान के बाद राज्य के सीएम कमलनाथ ने कहा कि विविधता में एकता की हमारी संस्कृति आज तक बरकरार है क्योंकि पीढ़ियों ने इस सिद्धांत के प्रति समर्पण का प्रदर्शन किया है। फिलहाल इस आदेश के बाद राज्य में इस मुद्दे में राजनीति शुरू हो गई है।

क्योंकि विपक्षी दल भाजपा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीती कर रही है। पिछले दिनों ही राज्य की कमलनाथ सरकार ने ऐलान किया था कि राज्य में रात दस से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। हालांकि इससे पहले कमलनाथ सरकार ने कहा था कि वह राज्य के मंदिरों के पास मौजूद जमीन को नीलाम करने की योजना बना रहा है। ताकि मंदिरों के पास मौजूद जमीन को बेचकर मंदिरों को पुनर्निर्माण कराया जा सके। सरकार का कहा है कि राज्य के मंदिरों के पास काफी जमीन है। जो खाली है और बेकार पड़ी है।

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