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हरियाणा में मुस्लिमों ने पहना जनेऊ, हवन कर की घर वापसी

Published : Jun 24, 2020, 09:29 AM IST
हरियाणा में मुस्लिमों ने पहना जनेऊ, हवन कर की घर वापसी

सार

जींद जिले के कालवा गांव स्थित गुरुकुल से पहुंचे आचार्य यशवीर और आचार्य कृष्ण ने ग्रामीणों का आर्य समाज के तरीके से धर्म परिवर्तन करवाया। हिंदू धर्म अपनाने वाले लोगों ने कहा कि उनके पूर्वजों ने दबाव में अपने धर्म को छोड़ दिया था। लेकिन अब वह हिंदू धर्म में वापसी कर रहे हैं।

चंडीगढ़। हरियाणा में लगातार मुस्लिम घर वापसी कर रहे हैं। पिछले दिनों 45 परिवारों के मुस्लिम से हिंदू बन जाने के बाद अब सोनीपत जिले के गोहाना के गांव कासंडा में करीब 35 ग्रामीणों ने मुस्लिम धर्म छोड़ कर हिंदू धर्म अपना लिया है। इन लोगों ने हवन करने के बाद जनेऊ धारण किया और हिंदू धर्म अपनाया। इन लोगों का कहना है कि उनके पूर्वज हिंदू थे और अब वह अपने मूल धर्म में आ रहे हैं। क्योंकि हिंदू धर्म ही विश्व का सर्वश्रेष्ठ धर्म है।  जहां भेदभाव नहीं है। जबकि अन्य धर्मों में भेदभाव है।

जींद जिले के कालवा गांव स्थित गुरुकुल से पहुंचे आचार्य यशवीर और आचार्य कृष्ण ने ग्रामीणों का आर्य समाज के तरीके से धर्म परिवर्तन करवाया। हिंदू धर्म अपनाने वाले लोगों ने कहा कि उनके पूर्वजों ने दबाव में अपने धर्म को छोड़ दिया था। लेकिन अब वह हिंदू धर्म में वापसी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने गठवाला खाप के दादा बलजीत सिंह मलिक व गांव की सरपंच निशा की मौजूदगी में हिंदू धर्म अपनाया।

जानकारी के मुताबिक गठवाला खाप के दादा बलजीत सिंह मलिक को मुस्लिम ने कहा कि वह  हिंदू धर्म अपनाना चाहते हैं और इसके लिए उनकी मदद चाहिए तो बलजीत सिंह ने कालवा गांव स्थित गुरुकुल से संपर्क किया। इसके बाद गुरुकुल से आचार्य यशवीर और आचार्य कृष्ण गांव कासंडा पहुंचे और उन्होंने मुस्लिमों से हिंदू धर्म को अपनाने को लेकर सवाल किए और इसके बाद जव वह उनके जवाबों से संतुष्ट हो गए तो उन्होंने गांव में हवन कर आर्य समाज के तहत पूरे विधि-विधान के साथ मुस्लिम परिवारों की हिंदू धर्म में वापसी कराई। आचार्यो ने कहा कि इन ग्रामीणों को हिंदू समाज पूरा मान-सम्मान देगा।

आचार्य ने मुस्लिम परिवारों को जनेऊ धारण कराया और हवन में आहुति डाली और उसके बाद दादा बलजीत सिंह मलिक ने सब को पटका पहनाया। गांव  के ओमप्रकाश ने अपने सगे भाई जय सिंह, मजीद और शेर सिंह, सुभाष पुत्र मंगल सिंह के परिवार के साथ हिंदू धर्म अपनाया। ये लोग अभी तक अपने को मुस्लिम नहीं मानते थे क्योंकि इनके नाम हिंदू नामों से ही थे।   इसी गांव के एक अन्य रफीक पुत्र शेर बहादुर के परिवार ने भी जनेऊ पहनकर हिंदू धर्म अपनाया। धर्म परिवर्तन करने वाले राजेश पंच ने कहा कि उनके पूर्वज हिंदू थे और  दबाव के चलते मुस्लिम धर्म अपनाया था। उनका गोत्र राजपूत भट्टी है।
 

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