नागालैंड बीजेपी अध्यक्ष पर एसबीआई से 10 करोड़ की जालसाजी का आरोप

By Anindya Banerjee  |  First Published Nov 6, 2018, 5:33 PM IST

भाजपा भले ही आठ में से सात राज्यों को जीतने के लिए पूरी तरह तैयार हो और उत्तर पूर्व जीतने में बीजेपी बहुत अधिक ध्यान केंद्रित कर रही हो, लेकिन वह इन सबके बीच अपने पार्टी नेताओं के आचरण से बेखबर है। 

चुनावों के बीच नागालैंड के बीजेपी अध्यक्ष टेम्जेन इना अलॉन्ग को 10 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में आरोपित किया गया है। बीजेपी अध्यक्ष टेम्जेन इना पर नागालैंड सरकार के मंत्री के साथ-साथ राष्ट्रीय बैंक भारतीय स्टेट बैंक को धोखा देने का आरोप भी लगा है।

कौन हैं अलॉन्ग?

अलॉन्ग नागालैंड के बीजेपी अध्यक्ष होने के साथ साथ राज्य मंत्रिमंडल के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री भी हैं। बीजेपी के द्वारा अलॉन्ग को इस जून में राज्य अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाना सभी के लिए आश्चर्यजनक था। यह उतना ही आश्चर्यजनक था जितना राज्य अध्यक्ष रहे वीजासोली लहौन्गू को उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उनको उनके पद से हटा देना था। उनका कार्यकाल जनवरी 2019 को पूरा हो रहा था। 

सूत्रों के मुताबिक वीजासोली को पद से हटाने के बाद बीजेपी ने जल्द ही एक युवा चेहरे की तलाश शुरू कर दी थी। साथ ही जिसे उसके शरीर के कारण नागालैंड में 'सुमो' कहा जाता है, उसे 2019 के आम चुनावों में जीत के लक्ष्य के साथ चार्ज दिया गया था। उन्होंने हिंदी में बोलकर राज्य विधानसभा में नयी उम्मीदें पैदा की। उनके हिन्दी बोलने की वजह से उनके कई सहयोगी आश्चर्यचकित थे, क्योंकि अंग्रेजी राज्य में ज्यादातर इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है। पार्टी को जीत दिलाने के लिए पार्टी के युवा नेताओं ने बहुत सारे अच्छे काम किए, लेकिन उन बीजेपी युवा चेहरों को यह नहीं पता था कि वे इतने बडे बैंकिंग के मामले को लेकर पार्टी के लिए शर्मिंदगी का कारण बनेंगे।

क्या है पूरा मामला?

कथित धोखाधड़ी का यह पूरा मामला 10 करोड़ रुपये का है। जो कि नागालैंड की राजधानी कोहिमा से 68 किलोमीटर दूर दीमापुर में स्थित स्टेट बैंक की पुरानी शाखा स्टेट बैंक का है। दीमापुर स्थित एनजीओ ब्राइट हाउस सोसाइटी ने भाजपा राज्य अध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बैंक से लोन लेने के लिए जाली कागजात दिखाए थे। ब्राइट हाउस सोसाइटी ने इस साल 3 जुलाई को डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय में इस बात की औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई थी।

काम करने का ढंग

कथित तौर पर ब्राइट हाउसिंग सोसायटी में भाजपा अध्यक्ष ने पहले मूल दस्तावेज जमा कर ने के साथ 2.5 करोड़ रुपये का ऋण मांगा था। मार्च की अंतिम तिथियों में ऋण लेने के लिए अपनी सम्पत्ति को सोसायटी के पास गिरवी रख दिया था। कथित तौर पर ऋण के बारे में बिना बताए उन्होंने अधिकारियों से नए दस्तावेजों के लिए आवेदन किया और नए दस्तावेजों के आते ही उन्होंने एसबीआई में 10 करोड़ के ऋण के लिए दूबारा नए कागजात जमा कर दिए। उन्होंने अपनी एक ही संपत्ति का प्रयोग दो लोन को प्राप्त करने के लिए किया। 
 


दस्तावेजों को मिस करने का गंभीर मामला

डिप्टी कमिश्नर ने भारतीय स्टेट बैंक के ओल्ड मार्केट ब्रांच मैनेजर और अलॉन्ग को मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा, जिन कागजातों को देखकर 1 अक्टूबर को भारी ऋण प्रदान किया गया था। यह जांच सोसायटी द्वारा किए गए दावे की प्रामाणिकता का पता लगाने के लिए की गई थी। 

निरीक्षण के बाद बैंक द्वारा उत्पादित दस्तावेज नकली पाए गए थे, लेकिन जब शिकायतकर्ता, सहकारी समिति ने अपने कब्जे में दस्तावेज जमा किए, तो वे कागजात सही साबित हो गए। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय में एसबीआई को उसके पास रखे दस्तावेजों को जमा करने का आदेश दिया, जो इस साल 22 अक्टूबर को या उससे पहले फर्जी साबित हो गए थे। 

टेम्जेन इना जो कि नागालैंड में बीजेपी के युवा चेहरा होने के साथ राज्य के कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में भी कार्यरत हैं। उन्होंने यह साफ कर दिया है कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है। जबकि यह साफ हो गया है कि धोखा केवल एसबीआई बैंक के साथ नहीं बल्कि सहकारी समिति के साथ भी हुआ है। इस वर्ष 22 अक्टूबर को दिए गए आदेश से जुडे कागजात माइनेशन के अनन्य कब्जे में है। डीसी ने टिप्पणी की है कि 15 अक्टूबर 2018 को दायर याचिका के मामले में तेज़ेन इना से दस्तावेज़ जमा करने के लिए अनुरोध किया गया है। इस मामले को साबित करने के लिए 30 नवंबर तक समय दिया गया है। लेकिन सवाल यही बना हुआ है कि, जब सोसायटी के पास सम्पत्ति के मूल कागजात पाए गए तो वह कौन से दस्तावेज थे, जिसे उसने 2.5 करोड़ रुपये का ऋण लिया था?

 

मामला अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन पहली बार आरोपों को डीसी कार्यालय द्वारा जांच के लिए उचित माना गया है। तथ्य यह है कि अब तक जाली कागजात बैंक दस्तावेजों के सामने गलत आरोप साबित करने में सक्षम नहीं हैं। यह आपराधिकता के अलावा नैतिकता का एक गंभीर सवाल उठाते हैं।

 

नागालैंड में अभी भी भाजपा प्रमुख और उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के कैबिनेट मंत्री हैं। माय नेशन ने बीजेपी वेबसाइट में दिए गए मोबाइल नंबर में उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अभी तक जवाब नहीं मिला है, न ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अब तक हमारी पूछताछ का जवाब दिया है। 

click me!