पीएम मोदी का इस्राइली दांव, चुनाव जीते तो खत्म होगा जम्मू-कश्मीर में 35A

By Team MyNationFirst Published Apr 8, 2019, 3:58 PM IST
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अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए पीएम बेंजमिन नेतन्याहू ने भी वोटिंग से तीन दिन पहले वादा किया कि यदि इस्राइल में एक बार फिर उनकी सरकार बनी तो वह तुरंत फिलिस्तीन के कब्जे में इस्राइली इलाकों पर अपनी संप्रभुता को कायम करने का काम करेंगे।
 

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भारतीय जनता पार्टी का संकल्प पत्र जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया है कि यदि उनकी सरकार बनी तो वह जम्मू-कश्मीर के लोगों को दिए गए दशकों पुराने और खास अधिकारों को खत्म करने का काम करेंगे।

खास बात है कि पश्चिमी एशियाई देश इस्राइल में भी चुनाव प्रक्रिया चल रही है और 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू सत्ता में बरकरार रहने के लिए जनता के बीच जा रहे हैं। अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए बेंजमिन नेतन्याहू ने भी वोटिंग से तीन दिन पहले वादा किया कि यदि इस्राइल में एक बार फिर उनकी सरकार बनी तो वह तुरंत फिलिस्तीन के कब्जे में इस्राइली इलाकों पर अपनी संप्रभुता को कायम करने का काम करेंगे।

घरेलू मीडिया को इंटरव्यू देते हुए नेतनयाहू ने कहा कि वह फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना की संभावनाओं को खत्म करने के लिए सभी क्षेत्रों को अपने अधीन करने का काम करेंगे। गौरतलब है कि लगभग आधी सदी पहले हुए युद्ध में इस्राइल ने वेस्ट बैंक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। इस क्षेत्र में लगभग 25 लाख फिलिस्तीनी जनसंख्या है और इस्राइली कब्जे के बाद यहां लगातार फिलिस्तीनी संख्या कम हुई है और इसके बाहरी क्षेत्र में नए इस्राइली सेटेलमेंट बनाए जाते रहे हैं।

नेतनयाहू ने यह ऐलान करते हुए दावा किया है कि फिलिस्तीन राज्य की स्थापना से इस्राइल का भविष्य खतरे में पड़ सकता है लिहाजा चुनाव जीतने के बाद वह वेस्ट बैंक क्षेत्र की इजराइल में विलय की प्रक्रिया शुरू करेंगे।

गौरतलब है कि वैश्विक समुदाय इस्राइल के वेस्टबैंक सेटेलमेंट को अंतरराष्ट्रीय कानून की नजर में गैरकानूनी मानता है। वहीं चुनावों के बाद यदि इस्राइल ने इस क्षेत्र में अपनी पूर्ण संप्रभुता स्थापित करने की कवायद की तो स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य की परिकल्पना को पूर्णविराम लग जाएगा। खासबात है कि नेतनयाहू ने अपने वादे में यह साफ नहीं किया है कि क्या वह अपनी संप्रभुता समूचे वेस्ट बैंक पर स्थापित करेंगे या सिर्फ इस्राइली सेटेलमेंट पर कब्जा किया जाएगा। बहरहाल दोनों ही स्थिति में फिलिस्तीन राज्य की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा में लाने के लिए वहां नागरिकों को मिले विशेष अधिकारों को खत्म करने की समर्थन किया है। गौरतलब है कि इस विशेष अधिकार के चलते देश के अन्य राज्यों से लोग जम्मू-कश्मीर में संपत्ति नहीं खरीद सकते और यह अधिकार देश को जोड़ने की दिशा में सबसे बड़ी बाधा के तौर पर खड़ा है।

वहीं भारतीय जनता पार्टी के मैनिफेस्टो में 1954 के संशोधन के संदर्भ में साफ कहा गया है कि संविधान की धारा 35A राज्य के विकास में बड़ी बाधा है। बीते कई दशकों के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की आड़ में बड़ी संख्या में हिंदू जनसंख्या को पलायन करने के लिए मजबूर किया गया है। इस पलायन के बाद हिंदू संपत्ति पर अलगाववादी गुटों का कब्जा है और पूर्व की केंद्र सरकार ने इस मामले में कभी हिंदुओं के पुनर्वास की कोशिश को गंभीरता से नहीं लिया।

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