झारखंड में नक्सली आपराधिक लुटेरों के गिरोह में बदल चुके हैं। उन्होंने पैसे के लालच में एक ऐसी पुल निर्माण की साइट पर हमला करके काम रोक दिया। जो पुल इस इलाके के लोगों के लिए लाइफलाइन साबित हो सकता था।
चतरा(झारखंड): झारखंड में एक बार फिर से एक ऐसी खबर आई है, जो नक्सलियों के पैसे के लालच और हिंसक चेहरे को उजागर करता है। चतरा जिले के नक्सल प्रभावित पत्थलगड्डा इलाके में नक्सलियों ने एक बार फिर जमकर उत्पात मचाया है।
यह घटना शुक्रवार रात की है। करीब डेढ़ दर्जन वर्दीधारी माओवादियों ने बीती रात के अंधेरे में प्रखंड मुख्यालय स्थित बकुलिया नदी पर हो रहे पुल निर्माण में लगे जेनेरेटर व मिक्सचर मशीन समेत अन्य मशीनों मे आग लगा दी।
इन नक्सलियों का उद्देश्य ठेकेदार से पैसों की वसूली करना था। नक्सली यहां मारपीट करते हुए मुंशी और ठेकेदार के बारे में पूछताछ कर रहे थे, जिससे कि उनसे पैसों की वसूली की जा सके।
बताया जा रहा है कि माओवादियों ने एक माह में इस कंस्ट्रक्शन साईट पर एक महीने के अंदर दूसरा हमला किया है। इससे पूर्व अगस्त महीने में नक्सलियों ने मजदूरों के साथ मारपीट कर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था।
नक्सलियों ने बिना पैसे दिए यहां इजाजत निर्माण कार्य करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
यह घटना नक्सलियों के जनविरोधी चेहरे को भी दिखाती है। इस इलाके के ग्रामीण बकुलिया नदी पुल निर्माण की मांग को लेकर लम्बे समय से आंदोलन कर रहे थे। नदी पर पुल नहीं रहने से प्रखंड की दर्जनों गांव बरसात में टापू में तब्दील हो जाते हैं। इसको देखते हुए सरकार ने नदी पर करीब साढे चार करोड़ रुपये की लागत से पुल निर्माण कार्य को स्वीकृति दी है।
नक्सलियो के गुट आए दिन कंस्ट्रक्शन साइट पर हमला करते हैं। पहले टीएसपीसी नक्सलियों ने फिर भाकपा माओवादी उग्रवादियों ने निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया है। यह सब पैसों की उगाही के चक्कर में है।
नक्सलियों के आतंक से काम कर रहे मजदूर दहशत में हैं, वहीं क्षेत्र में दोबारा माओवादियों के दस्तक से ग्रामीण भी डरे सहमे हैं। इस घटना की सूचना मिलते ही जिले के एसपी,डीएपी और स्थानीय थाने की पुलिस नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है।
लेकिन यह घटना साफ दिखाती है, कि नक्सलियों को आम गरीब जनता के दुख दर्द से कोई मतलब नहीं है और वह सिर्फ अपनी जेब गरम करने के लिए लेवी वसूलने के नाम पर लूटपाट करते हैं।