देश के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-31 का सफल प्रक्षेपण

By Team MyNation  |  First Published Feb 6, 2019, 9:54 AM IST

दक्षिण अमेरिका के उत्तर पूर्वी तट पर फ्रांस के क्षेत्र में स्थित कोउरू के एरियन लॉन्च कॉम्प्लैक्स से भारतीय समयानुसार तड़के दो बजकर 31 मिनट पर उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया। एरियन-5 यान ने करीब 42 मिनट की निर्बाध उड़ान के बाद जीसैट-31 को कक्षा में स्थापित कर दिया।

बेंगलुरु-- देश के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-31 का बुधवार तड़के सफल प्रक्षेपण हुआ। यह प्रक्षेपण यूरोपीय प्रक्षेपण सेवा प्रदाता एरियनस्पेस के रॉकेट से फ्रेंच गुआना से किया गया। दक्षिण अमेरिका के उत्तर पूर्वी तट पर फ्रांस के क्षेत्र में स्थित कोउरू के एरियन लॉन्च कॉम्प्लैक्स से भारतीय समयानुसार तड़के 2:31 बजे उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया।

एरियन-5 यान ने करीब 42 मिनट की निर्बाध उड़ान के बाद जीसैट-31 को कक्षा में स्थापित कर दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस पांडियन ने प्रक्षेपण के तुरंत बाद कोउरू में कहा, ‘एरियन-5 रॉकेट से जीसैट-31 उपग्रह के सफल प्रक्षेपण से मैं बहुत खुश हूं। 

दक्षिण अमेरिका के उत्तर पूर्वी तट पर फ्रांस के क्षेत्र में स्थित कोउरू के एरियन लॉन्च कॉम्प्लैक्स से भारतीय समयानुसार तड़के दो बजकर 31 मिनट पर उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया। एरियन-5 यान ने करीब 42 मिनट की निर्बाध उड़ान के बाद जीसैट-31 को कक्षा में स्थापित कर दिया।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस पांडियन ने प्रक्षेपण के तुरंत बाद कोउरू में कहा, ‘‘एरियन-5 रॉकेट से जीसैट-31 उपग्रह के सफल प्रक्षेपण से मैं बहुत खुश हं।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘सफलतापूर्वक प्रक्षेपण और उपग्रह को सटीकता से कक्षा में स्थापित करने के लिए एरियनस्पेस को बधाई।’’ 

उन्होंने बताया कि जीसैट-31 केयू बैंड के साथ ‘‘उच्च क्षमता’’ का संचार उपग्रह है और यह उन उपग्रहों का स्थान लेगा जिनकी संचालन अवधि जल्द ही समाप्त हो रही है। एरियनस्पेस के सीईओ स्टीफन इस्राइल ने ट्वीट किया, ‘‘सऊदी के भू स्थैतिक उपग्रह 1/हेलास सैट 4 और जीसैट-31 की उड़ान के साथ एरियनस्पेस की 2019 की अच्छी शुरुआत हुई। इनकी सफलता भू स्थैतिक प्रक्षेपण के क्षेत्र में हमारे नेतृत्व की स्थिति बताती है।’’ 

 

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— ISRO (@isro)

यह इसरो के पहले के इनसैट/जीसैट उपग्रह श्रृंखला का उन्नत रूप है। यह भारतीय मुख्य भूभाग और द्वीपों को संचार सेवाएं मुहैया कराएगा। जीसैट-31 देश का 40वां संचार उपग्रह है। यह भूस्थैतिक कक्षा में केयू-बैंड ट्रांसपॉन्डर क्षमता को बढ़ाएगा।

इसकी अवधि करीब 15 साल है। इसका इस्तेमाल वीसैट नेटवर्क, टेलीविजन अपलिंक, डिजीटल उपग्रह समाचार संग्रह, डीटीएच-टेलीविजन सेवाओं, सेलुलर बैकहॉल कनेक्टिविटी और ऐसे कई उपकरणों में किया जाएगा। यह व्यापक बैंड ट्रांसपॉन्डर की मदद से अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के बड़े हिस्से में संचार की सुविधाओं के लिए व्यापक बीम कवरेज उपलब्ध कराएगा।


 

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