एवरेस्ट पर ट्रैफिक जाम, 11 मौतों के बाद हरकत में आई नेपाल सरकार

By Team MyNationFirst Published Jun 5, 2019, 1:24 PM IST
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11,000 डॉलर देने वाले किसी भी व्यक्ति को एवरेस्ट पर चढ़ने का परमिट दे दिया जाता है। नेपाल ने इस सत्र में एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए रिकॉर्ड 381 परमिट जारी किए। यही वजह है कि एवरेस्ट पर जाम की तस्वीरों ने दुनिया को हैरान कर दिया।
 

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वालों की बढ़ती संख्या और इस सीजन में हुई मौतों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पर्वतारोहण जैसे विशेषज्ञता वाले काम के एडवेंचर टूरिज्म में बदल जाने का खमियाजा इस साल 11 मौतों के रूप में भुगतना बड़ा है। अब नेपाल सरकार एवरेस्ट शिखर छूने के मिशन पर नियंत्रण की तैयारी में हैं। एवरेस्ट पर चढ़ने वालों की संख्या को सीमित करने पर विचार हो रहा है। हालांकि इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि प्रस्तावित बदलावों से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। यह सिर्फ दिखावा भर होगा।

इसी सप्ताह खत्म हुए सीजन में 11 लोगों की मौत हुई है। चढ़ाई करने वालों की बहुत ज्यादा संख्या को सिर्फ चार लोगों की मौत का कारण बताया जा रहा है। बाकी मौतों के लिए अनुभवहीनता को वजह बताया गया है। साल 2014 में एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान 17 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद साल 2015 में 19 पर्वतारोहियों की जान गई। साल 2016 में यह आंकड़ा 7 था, जबकि 2017 और 2018 में पांच-पांच पर्वतारोहियों की जान गई। आमतौर पर पर्वतारोहियों की मौत की वजह हिमस्खलन को माना जाता है, लेकिन अब ज्यादातर लोगों की मौत उतरते समय ऑक्सीजन की कमी के चलते हो रही हैं।

दरअसल, भीड़ बढ़ने के कारण लक्ष्य बनाकर निकले पर्वतारोहियों को कतार में खड़ा होना पड़ रहा है। यहां कम ऑक्सीजन के अलावा ऊंचाई के चलते होने वाली बीमारी और हाइपोथर्मिया यानी अत्यधिक ठंड के कारण शरीर का तापमान लगातार गिरने जैसी परेशानी से भी जूझना पड़ रहा है। इसके अलावा ज्यादातर लोग पूरी तरह से प्रशिक्षण लेकर चढ़ाई नहीं कर रहे, नतीजतन इतनी ऊंचाई पर शरीर साथ नहीं दे पाता। 

साभारः हिल-मेल

काठमांडू से लौटने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान चिली के पर्वतारोही जुआन पाब्लो मोहर ने कहा, ‘जिन लोगों को पर्वतारोहण के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जो कभी पहाड़ पर नहीं चढ़े, वह लोग आ रहे हैं और एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।’ 

क्या है भीड़ बढ़ने की वजह

एवरेस्ट पर भीड़ बढ़ने का सबसे बड़ा कारण इससे होने वाल मुनाफा है। काठमांडू वर्षों से 11,000 डॉलर देने वाले किसी भी व्यक्ति को एवरेस्ट पर चढ़ने का परमिट दे देता है। इसकी तस्दीक तक नहीं की जाती कि व्यक्ति पर्वतारोही है भी या नहीं। नेपाल ने इस सत्र में एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए रिकॉर्ड 381 परमिट जारी किए थे। एवरेस्ट का रास्ता 14 मई को खोला गया था। नेपाल के पर्यटन मंत्रालय के सचिव मोहन कृष्ण सपकोटा का कहना है कि हम पर्वतारोहियों की संख्या कम करने, चढ़ाई के रास्ते में ज्यादा से ज्यादा रस्सियां लगाने, ज्यादा ऑक्सीजन ऊपर लेकर जाने और शेरपा (गाइड) पर ध्यान दे रहे हैं। (इनपुट एजेंसी से भी)

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