समाजवादी पार्टी से अलग होकर दो साल पहले पार्टी बनाने वाले शिवपाल सिंह की यादव की पार्टी हालांकि लोकसभा चुनाव में कोई खास करिश्मा नहीं दिखा सकी। लेकिन कई सीटों पर उसने सपा को हराने में अहम भूमिका भी निभाई। शिवपाल सिंह यादव फिरोजाबाद से सपा प्रत्याशी और अपने भतीजे अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव लड़े थे। लेकिन शिवपाल को हार का सामना करना पड़ा।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और पार्टी के बागी विधायक शिवपाल सिंह यादव ने आज एक बड़ा दिया है। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह के कहने पर ही उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी(लोहिया) का गठन किया था। लेकिन अब सपा से राह जुदा हैं। उन्होंने कहा कि अगर मुलायम सिंह अगर अखिलेश के साथ हैं तो भी पीछे मुड़कर नहीं देखूंगा।
समाजवादी पार्टी से अलग होकर दो साल पहले पार्टी बनाने वाले शिवपाल सिंह की यादव की पार्टी हालांकि लोकसभा चुनाव में कोई खास करिश्मा नहीं दिखा सकी। लेकिन कई सीटों पर उसने सपा को हराने में अहम भूमिका भी निभाई। शिवपाल सिंह यादव फिरोजाबाद से सपा प्रत्याशी और अपने भतीजे अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव लड़े थे। लेकिन शिवपाल को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन अक्षय यादव को भी चुनाव में भाजपा ने पटखनी दी। फिलहाल शिवपाल ने अपनी पार्टी का गठन तो कर लिया। लेकिन वह अभी भी विधानसभा में सपा के ही विधायक हैं।
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी प्रसपा अध्यक्ष ने कहा कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के कहने पर ही उन्होंने अलग पार्टी का गठन किया था। लेकिन अब अगर मुलायम सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ हैं तो भी वह वापस नहीं लौटेंगे। शिवपाल ने मुलायम सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुलायम आज अखिलेश के साथ क्यों खड़े हैं, इसका नेताजी ही दे सकते हैं। शिवपाल ने कहा कि वह लोहिया, चौधरी चरण सिंह और गांधीवादी लोगों के साथ मिलकर पार्टी को मजबूत कर रहे हैं।
असल में शिवपाल मुलायम सिंह से नाराज चल रहे हैं। क्योंकि मुलायम सिंह ने शिवपाल से दूरी बनाई है। वहीं आजकल मुलायम इन दिनों अखिलेश यादव के कार्यक्रमों में सक्रिय हैं जबकि शिवपाल के कार्यक्रमों से वह नदारद हैं। जबकि पहले मुलायम शिवपाल सिंह से भी मुलाकात करते थे। शिवपाल यादव ने भी कहा कि मुलायम को तवज्जो न देने के कारण सपा के दो फाड़ हुए हैं।