mynation_hindi

सरकार ने जारी किये नये सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े, यूपीए सरकार के दावे निकले झूठे

Published : Nov 29, 2018, 06:46 PM IST
सरकार ने जारी किये नये सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े, यूपीए सरकार के दावे निकले झूठे

सार

नीति आयोग द्वारा जारी नये आंकड़े इस भ्रम को पूरी तरह झुठला देते हैं कि पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने आर्थिक विकास में बेहतर प्रदर्शन किया, आंकड़ों के अनुसार यूपीए के शासन काल में भारत की सकल घरेलू उत्पाद विकास दर केवल 6.7% था।

नई दिल्ली: नीति आयोग द्वारा जारी नये आंकड़े इस भ्रम को पूरी तरह झुठला देते हैं कि पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने आर्थिक विकास में बेहतर प्रदर्शन किया, आंकड़ों के अनुसार यूपीए के शासन काल में भारत की सकल घरेलू उत्पाद विकास दर केवल 6.7% था।

बुधवार को पिछली अनुमानित सीरीज़ का नया डेटा जारी किया गया। जिसमें 2005-06 और 2013-14 (सभी यूपीए वर्षों) के बीच यूपीए शासन के नौ वर्षों की संशोधित औसत वार्षिक वृद्धि दर सिर्फ 6.7% थी, जो एनडीए के शासन कल के प्रथम चार वर्ष में ही 7.35% हो गई है।

अगस्त में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा जारी आंकड़ो के अनुसार यूपीए के शासन में कम से कम एक वर्ष के लिए भारत की जीडीपी 10% से अधिक थी।

2014 में मोदी सरकार के आने के बाद सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि की गणना के लिए आधार वर्ष 2011-12 कर दिया गया क्योंकि पिछले आंकड़े उपलब्ध नहीं थे। नए तरीके के आने के पहले तक सकल घरेलू उत्पाद के पिछले आंकड़ों को बाद के वर्षों के लिए अतुलनीय माना गया था।

नए अनुमानों को समझाते हुए नीती आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि नए आंकड़े व्यापक पुनर्मूल्यांकन अभ्यास पर आधारित हैं जो नवीनतम डेटा स्रोतों और पद्धतिगत परिवर्तनों का उपयोग करने में उपयोगी हैं।

उन्होंने कहा कि नीती आयोग द्वारा आयोजित दो संगोष्टियों के दौरान देश में अग्रणी सांख्यिकीय विशेषज्ञों द्वारा पिछली श्रृंखला की अपनी पद्धति की जांच की गई थी। इनके दौरान, डोमेन विशेषज्ञों ने कवरेज और पद्धति की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के काम किया था।

गौरतलब है कि जनवरी 2015 में सरकार ने पिछले आधार वर्ष 2004-05 को बदलकर 2011-12 कर दिया था।

नई आधार वर्ष के बाद बैक-सीरीज़ अनुमानों का पूर्ण आधार डेटा सेट और तुलनात्मकता के लिए नए आधार वर्ष से पहले के वर्षों को संकलित कर जारी किया गया है।

निति आयोग के संशोधित सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुये पूर्व वित्त मंत्री और शीर्ष कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि यह आंकड़े एक मजाक हैं। 

चिदंबरम ने ट्वीट किया,"आंकड़े एक जबर्दस्त गड़बड़ी का परिणाम हैं,"उन्होंने कहा। "यह पूरी तरह से बेकाम हो चुकी व्यवस्था को निकलने का समय है। पहले भी या आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग द्वारा ही जरी किये गये थे तो क्या आयोग को भंग कर दिया गया है? "

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगते हुए उन पर पिछले वर्षों के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों से "छेड़छाड़" करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बयान में कहा,"आज जारी किए गए जीडीपी बैक सीरीज़ डेटा के पिछले 15 सालों के  आंकड़े भारत की विकास की कहानी को कमजोर साबित करने का प्रयास हैं। "

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि एक असफल "मोदीनोमिक्स और पकौड़ा वाली आर्थिक दृष्टि" ने भारत की अर्थव्यवस्था को पस्त कर दिया है। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा लाये गये GST और नोटबंदी  को भारत की "आर्थिक तबाही"  का कारण बताया है।
 

PREV

Recommended Stories

रक्षाबंधन पर श्री बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा का संदेश- भाईचारे, एकता और राष्ट्रभक्ति का आह्वान
रक्षाबंधन पर श्री बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा का संदेश- भाईचारे, एकता और राष्ट्रभक्ति का आह्वान
श्री बजरंग सेना अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा का अनोखा जन्मदिन, लगाएंगे एक लाख पौधे