पूर्वांचल में 30 हजार नवजातों पर मंडरा रहा है इस गंभीर बीमारी का खतरा, जानें क्या है मामला

By Team MyNationFirst Published Jul 29, 2019, 3:10 PM IST
Highlights

प्रदेश सरकार शिशु-मृत्यु दर को किसी भी हाल में कम लाना चाहती है। लेकिन उसके बावजूद सरकारी स्तर पर इसके प्रयास नहीं दिख रहे हैं। अगर देखें तो जन्म के 24 घंटे के दौरान नवजात को बीसीजी का टीका लग जाना चाहिए। हालांकि सरकार अस्पतालों से खत्म हो गया है। कई अस्पतालों में बाहर से मंगाकर लगाया जा रहा है। जबकि जिन लोगों की क्षमता इसे खरीदने की नहीं है। जिसके कारण वह इस टीके को नहीं लगा पा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में करीब 30 हजार से ज्यादा नवजातों पर गंभीर बीमारी टीबी का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि अस्पतालों से इसकी वैक्सीन खत्म हो गयी है जिसके कारण पैदा होने वाले शिशुओं को ये नहीं लगाया जा रहा है।

हालांकि सरकार दावा कर रही है कि वैक्सीन जल्दी ही अस्पताल में आ जाएगी। लेकिन जिन नवजातों को ये वैक्सीन नहीं लगी है उन्हें इस बीमारी से कैसे बचाया जाएगा। यही नहीं हेपेटाइटिस की वैक्सीन भी सरकार अस्पतालों में खत्म होने के कगार पर है।

जेई की चपेट में आने के बाद पूर्वांचल में अब नवजात शिशुओं पर टीबी (ट्यूबर क्लोसिस) की गंभीर बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि इन नवजातों का जन्म सरकारी अस्पतालों में हुआ है जहां इस बीमारी की वैक्सीन खत्म है।

क्योंकि इस बीमारी से बचने के लिए बीसीजी (बेसिल कालमेट ग्यूरिन) का टीका सरकार अस्पतालों से खत्म हो गया है। हालांकि कई अस्पतालों में बाहर से मंगाकर लगाया जा रहा है। जबकि जिन लोगों की क्षमता इसे खरीदने की नहीं है।

जिसके कारण वह इस टीके को नहीं लगा पा रहे हैं। जिसके चलते नवजातों पर इस बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश सरकार शिशु-मृत्यु दर को किसी भी हाल में कम लाना चाहती है। लेकिन उसके बावजूद सरकारी स्तर पर इसके प्रयास नहीं दिख रहे हैं।

अगर देखें तो जन्म के 24 घंटे के दौरान नवजात को बीसीजी का टीका लग जाना चाहिए। अगर इस दौरान नहीं लगता है कि बच्चे में टीबी की बीमारी होने का खतरा मंडरा जाता है। लेकिन राज्य के पूर्वांचल के कई जिलों में ये वैक्सीन खत्म हो गयी है।

हालात ये हैं कि ये वैक्सीन न केवल गोरखपुर बल्कि मंडल के देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है।  यही सरकारी अस्पतालों में हेपेटाइटिस की वैक्सीन भी खत्म होने के कगार पर है। इस वैक्सीन को पीलिया और हेपेटाइटिस से बचाने के लिए लगाया जाता है।

click me!