पाकिस्तान-चीन सीमा पर तैनाती के लिए आकाश मिसाइल की खरीद को मंजूरी

खरीदी जा रही मिसाइलें पूर्व में सेना में शामिल की गई आकाश मिसाइल का उन्नत संस्करण हैं। यह मिसाइल लक्ष्य का पीछा करने वाली तकनीक से लैस है।

Nirmala Sitharaman clears Akash missiles for deployment on Pakistan, China border

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' पहल को आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने डीआरडीओ द्वारा विकसित आकाश हवाई रक्षा प्रणाली की दो रेजीमेंट की खरीद को मंजूरी दे दी। इन पर 9,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इन मिसाइलों को चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया जाएगा। 

रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता के अनुसार, 'रक्षा खरीद परिषद ने स्वदेशी खरीद श्रेणी के तहत रक्षा क्षेत्र की पीएसयू भारत डायनॉमिक्स लिमिटेड से आकाश मिसाइल सिस्टम की दो रेजीमेंट खरीदने को मंजूरी दी है। खरीदी जा रही मिसाइलें पूर्व में सेना में शामिल की गई आकाश मिसाइल का उन्नत संस्करण हैं। यह मिसाइल लक्ष्य का पीछा करने वाली तकनीक से लैस है।'

उन्होंने कहा, ये उन्नत मिसाइलें सेना की आकाश मिसाइल रेजीमेंट का तीसरा और चौथा हिस्सा होंगी। इससे सेना के पास 360 डिग्री की कवरेज हो जाएगी।  सेना के पास पहले से ही आकाश मिसाइल की दो रेजीमेंट हैं, जो देश की मुख्य जगहों एवं संपत्तियों को हवाई सुरक्षा उपलब्ध करा रही हैं। 

आकाश मिसाइल को अपने विदेशी प्रतिद्वंद्वियों पर काफी बढ़त हासिल है। हाल ही में स्वदेशी हथियार प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने कम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की खरीद का टेंडर रद्द कर दिया था। 

सेना आकाश मिसाइलों को दुश्मन के आने वाले विमानों और यूएवी के खिलाफ इस्तेमाल करती है। यह प्रणाली चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, विदेशी प्रणाली में कुछ खास सिस्टम और उपकरण लगे होते हैं, सेना ने इस सिस्टम के लिए भी डीआरडीओ से इन्हें उपलब्ध कराने को कहा है। डीआरडीओ ने इसका भरोसा दिलाया है। 

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