नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले खेला बड़ा दांव, विपक्षी हुए चित

जानकारी के मुताबिक शिक्षकों को बढ़ा हुआ वेतन अगले साल 1 अप्रैल से मिलेगा  और राज्य सरकार के फैसले के बाद सरकारी खजाने पर 2765 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।  लेकिन नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद विपक्षी दलों की धड़कनें तेज हो गई हैं। 

Nitish Kumar played big bets before the election, opposition became angry

पटना।  राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की  सत्ताधारी नीतीश सरकार ने बड़ा दांव खेला है।  इस दांव के कारण विपक्षी दलों में खलबली मच गई है। राज्य सरकार ने राज्य के नियोजित शिक्षकों के वेतन में 22 फीसदी का इजाफा किया है।  हालांकि ये वेतन  शिक्षकों को अगले साल से मिलेगा।  लेकिन चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने शिक्षकों को खुश  कर बड़ा निशाना साधा है।

जानकारी के मुताबिक शिक्षकों को बढ़ा हुआ वेतन अगले साल 1 अप्रैल से मिलेगा  और राज्य सरकार के फैसले के बाद सरकारी खजाने पर 2765 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।  लेकिन नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद विपक्षी दलों की धड़कनें तेज हो गई हैं। क्योंकि नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चला है। राज्य सरकार ने नियोजित शिक्षकों के वेतन में 22 फीसदी का इजाफा किया गया है। हालांकि पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार 15 अगस्त को इसका एलान करेंगे। जिसके बाद नीतीश सरकार ने कैबिनेट की बैठक के बाद इस फैसले पर मुहर लगाई है। जानकारी के मुताबिक इस नियमावली के लागू हो जाने के बाद राज्य के नियोजित शिक्षकों को प्रमोशन और स्थानांतरण जैसी सुविधाए मिलेंगी। बताया जा रहा है कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर नई सेवा शर्त नियमावली की अधिसूचना जारी की जाएगी।

राज्य सरकार के इस फैसले के बाद करीब 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को इसका फायदा मिलेगा। हालांकि 15 अगस्त को गांधी मैदान में अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका ऐलान किया था।  फिलहाल बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नियोजित शिक्षकों की पुरानी मांग को मान कर नीतीश कुमार सरकार ने शिक्षकों को खुश किया है।  जाहिर है सरकार ने नफा नुकसान देखकर ही इसका  फैसला किया है। वहीं चुनाव में इसका बड़ा फायदा मिल सकता है।
 

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