जम्मू-कश्मीर के दो बड़े राजनीतिक दलों- फारूक अब्दुल्ला की एनसी और महबूबा मुफ्ती के पीडीपी ने पहले ही अनुच्छेद 35ए के मसले पर हो रही सुनवाई केंद्र सराकार की तरफ से स्टैंड साफ़ नहीं करने पर पंचायत और नगरपालिका चुनावों में भाग नहीं लेने का फैसला किया है।
जम्मू-कश्मीर में होने वाले पंचायत चुनावों के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलीन काबरा ने श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि, पंचायत चुनाव 17 नवंबर से 11 दिसंबर, 2018 तक 9 चरणों में आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि, "नवंबर को होने वाले पहले चरण के लिए अधिसूचना 23 अक्टूबर को जारी की जाएगी जबकि दूसरे चरण के लिए, यह 26 अक्टूबर को जारी की जाएगी।
तीसरे चरण के लिए अधिसूचना 29 अक्टूबर को जारी की जाएगी। काबरा ने बताया कि, चौथे, पांचवें, छठे, सातवें, आठवें और नौवें चरण के लिए अधिसूचना क्रमश: 1, 3, 6, 9, 12 और 14 को जारी की जाएगी। जम्मू-कश्मीर के दो बड़े राजनीतिक दलों- फारूक अब्दुल्ला की एनसी और महबूबा मुफ्ती के पीडीपी ने पहले ही अनुच्छेद 35ए के मसले पर हो रही सुनवाई केंद्र सराकार की तरफ से स्टैंड साफ़ नहीं करने पर पंचायत और नगरपालिका चुनावों में भाग नहीं लेने का फैसला किया है।
कई आतंकवादी संगठनों के साथ कश्मीर में अलगाववादियों ने ने भी आगामी शहरी स्थानीय निकाय चुनावों का बहिष्कार करने की भी धमकी दी है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 13 वर्षों के समय के अंतराल के बाद राज्य में नगरपालिका चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं। पिछला नगरपालिका चुनाव वर्ष 2005 में आयोजित किया गया था। जबकि पंचायत का चुनाव 2011 में हुआ था। जबकि यह चुनाव प्रत्येक 5 साल के अंतर पर होना चाहिए।
केंद्र सरकार 2016 में पंचायत चुनाव आयोजित करना चाहती थी लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद की मौत और राज्य में सरकार गठन में हुई दोरी के कारण संभव नहीं हो पाया। इसके बाद आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद लगभग 2 साल तक हुई हिंसा के कारण सरकार ने चुनाव नहीं कराया। बाद में सेना दवारा चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑल-आउट के कारण स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ तो सरकार ने मार्च-अप्रैल, 2018 में चुनाव कराने विचार किया लेकिन महबूबा मुफ्ती इसके लिए तैयार नहीं थी।