राज्य सरकार के आदेश पर जिलों की पुलिस उन उपद्रवियों की लोगों की पहचान कर रही है। जिन्होंने हिंसक प्रदर्शन कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पुलिस की जांच में ये तथ्य उजागर हुए हैं कि जिन उपद्रवियों ने इन प्रदर्शनों के जरिए हिंसक प्रदर्शन किए हैं उनका आपराधिक रिकार्ड रहा है। लिहाजा पुराने रिकार्ड को देखते हुए इन रासुका लगाने की तैयारी में यूपी पुलिस जुट गई है। ताकि कोर्ट से आसानी से इन्हें जमानत न मिल सके।
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के केई जिलों में हुए उग्र एवं हिंसक प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले हिंसक उपद्रवियों की अब शामत आने वाली है। अभी तक भूमिगत हो चुके इन उपद्रवियों पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने जा रही है। जिसके बाद इन हिंसक उपद्रवियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। हालांकि अभी तक यूपी सरकार ने कई उपद्रवियों से सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान की आर्थिक भरपाई की है।
राज्य सरकार के आदेश पर जिलों की पुलिस उन उपद्रवियों की लोगों की पहचान कर रही है। जिन्होंने हिंसक प्रदर्शन कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पुलिस की जांच में ये तथ्य उजागर हुए हैं कि जिन उपद्रवियों ने इन प्रदर्शनों के जरिए हिंसक प्रदर्शन किए हैं उनका आपराधिक रिकार्ड रहा है। लिहाजा पुराने रिकार्ड को देखते हुए इन रासुका लगाने की तैयारी में यूपी पुलिस जुट गई है। ताकि कोर्ट से आसानी से इन्हें जमानत न मिल सके।
अभी तक राज्य सरकार ने सभी जिलों में हिंसक प्रदर्शनकारियों की पहचान कर ली है और जो अभी तक अंडरग्राउंड हुए उन्हें बाहर निकालने के लिए जाल फैलाया गया है। यूपी पूलिस ने लखनऊ, कानपुर, मेरठ, बिजनौर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद और रामपुर में हिंसक कराने वाले संस्थाओं और संगठनों के खिलाफ घेराबंदी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि इनके संचालकों ने युवाओं को इन प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया।
बिजनौर में कई संस्थाओं ने युवकों और किशोरों को उपद्रव कराने के लिए भेजा था और पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों के साथ ही संचालकों पर भी रासुका लगाई जाएगी। गौरतलब है कि राज्य में हुए प्रदर्शन में 16 लोगों की मौत हो गई थी और अरबों की सरकारी संपत्ति को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया था। यही नहीं इन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को निशाना बनाया और कई पुलिस चौकियों को फूंक दिया था।