एनएसए अजीत डोभाल के बेटे विवेक ने पटियाला हाउस कोर्ट में रखा अपना पक्ष

कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कारवां पत्रिका के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज करने के बाद विवेक डोभाल आज दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में पेश हुए। जहां वकील ने उनके पक्ष में तर्क प्रस्तुत किए। इस मामले में अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी। तभी अमित शर्मा, विवेक डोभाल और निखिल कपूर का भी बयान दर्ज किया जाएगा।
 

NSA Ajit doval son Vivek kept his side in patiyala house court

आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज करने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ख़ुद कोर्ट पेश में हुए। 
उनकी ओर से पेश वकील ने डीपी सिंह ने कहा कि कारवां पत्रिका में प्रकाशित आर्टिकल का शीर्षक "द डी कंपनी" के नाम से है। यह सबको पता है कि डी कम्पनी शब्द का इस्तेमाल दाऊद इब्राहिम के लिए किया जाता है। 

ऐसा जानबूझकर विवेक डोवाल और उनके पिता को बदनाम करने के लिए किया गया। यही नहीं लेख में यह भी दावा किया गया कि दोनो भाई फंस गए है।

विवेक डोवाल ने कहा कि ‘मुझे बदनाम करने के लिए जो कुछ भी न्यूज आर्टिकल में कहा गया और जिस तरीके से सोशल मीडिया पर लोगों ने उन पर रिएक्ट किया, उससे मैं और मेरा परिवार बेहद परेशान रहा’। 

विवेक ने आगे कहा कि ‘मैं विदेश में रहकर अपनी कंपनियां चला रहा हूं। इस आर्टिकल से मेरी छवि ख़राब होने के साथ साथ मुझ पर लोगों ने शक भी जताया। मैने जो कुछ भी हासिल किया है वो अपने दम पर अपनी मेहनत से हासिल किया है। इसमें मेरे परिवार का कुछ भी सहयोग नही है। मैंने कभी भी पारिवारिक संबंधों को अपने काम को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया’।

इसके बाद विवेक डोभाल के वकील ने कहा कि ‘इस तरह के लेख के चलते लोगो का विश्वास मेरे मुवक्किल में कमजोर हुआ है। उन्हें लोगों को जवाब देना पड़ रहा है। निवेशकों के विश्वास को धक्का पहुंचा है। 

कारवां के पत्रकारों ने लेख लिखने से पहले ज़रूरी अध्ययन भी नही किया। विवेक डोभाल के वकील ने कहा, केमैन आइलैंड में हेज फंड विवेक डोभाल की कड़ी मेहनत का नतीजा है, ये उनका स्टार्ट अप है, जिसमें दुनिया भर के प्रोफेशल्स ने निवेश किया है।

 वकील ने अदालत को बताया कि जाहिर है  इस लेख के जरिये एक परिवार को टारगेट किया गया है। आखिर  आर्टिकल में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर की तस्वीर लगाने और उस पर डी कम्पनी शीर्षक देने का क्या औचित्य है !

विवेक डोभाल की तरफ से कांग्रेस पार्टी के नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा गया कि उस गलत लेख को आधार बनाकर बयान देने और टिप्पणी करने वालों ने भी तथ्यों की छानबीन नहीं की। लिहाज़ा वो भी इसमें बराबर के हिस्सेदार हैं। 

विवेक ने यह भी कहा कि मेरे, मेरे पिता और मेरे परिवार के खिलाफ उनके हमले से मुझे बेहद दुख पहुचा है। 

कारवां पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट में में विवेक डोभाल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि केमैन आइलैंड स्थित कंपनी जीएनवाई एशिया के जरिये काले धन को सफेद किया गया। यह कंपनी नोटबंदी के 13 दिनों बाद खोली गई थी। नोटबंदी का ऐलान 8 नवंबर को किया गया था। 

लेकिन विवेक डोभाल ने माय नेशन को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कांग्रेस के सभी आरोपों की पोल खोल दी। 

उन्होंने अदालत में वह सभी दस्तावेज पेश कर दिए जिन्हें देखने पर कांग्रेस के आधार तथ्यहीन साबित होते हैं। 
इसके बारे में विस्तार से पढ़ें-  विवेक डोभाल ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर किया मानहानि का दावा
 

vuukle one pixel image
click me!