प्याज को लेकर पिछले कई सालों से कोई ठोस नीति नहीं बन सकी है। जब बाजार में प्याज की अच्छी कीमत होती है तो किसान ज्यादा मुनाफे के लालच में प्याज की पैदावार बढ़ा देता है। जिसके कारण घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें घट जाती है। वहीं इसके बाद जब सरकार प्याज का निर्यात करती है तो प्याज की कीमतों में इजाफा हो जाता है। लिहाजा प्याज की बढ़ती कीमतों का असर उपभोक्ताओं पर पड़ता है।
नई दिल्ली। आम जनता को महंगाई से राहत नहीं मिलने वाली है। खासतौर से प्याज की कीमत के मामले। बाजार के जानकारों का कहना है कि प्याज अभी और कई दिन महंगाई में प्याज का तड़का लगाता रहेगा। क्योंकि देश में आपूर्ति सुचारू न होने और विदेशों से प्याज में आयात में देरी के कारण प्याज की कीमतों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं आ रहा है।
प्याज को लेकर पिछले कई सालों से कोई ठोस नीति नहीं बन सकी है। जब बाजार में प्याज की अच्छी कीमत होती है तो किसान ज्यादा मुनाफे के लालच में प्याज की पैदावार बढ़ा देता है। जिसके कारण घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें घट जाती है। वहीं इसके बाद जब सरकार प्याज का निर्यात करती है तो प्याज की कीमतों में इजाफा हो जाता है। लिहाजा प्याज की बढ़ती कीमतों का असर उपभोक्ताओं पर पड़ता है। प्याज की कई महीनों से कीमतें कम नहीं हो रही हैं।
दिल्ली समेत देश के अधिकांश राज्यों में प्याज की कीमत 70 रुपये से 80 किलोग्राम हैं। हालांकि पिछले दिनों सरकार ने ऐलान किया था कि वह प्याज की कीमतों में नियंत्रण के लिए विदेशों से आयात कर रही हैं। लेकिन इसका असर बाजार में नहीं दिख रहा है। क्योंकि बाजार के जानकारों का कहना है कि जिस प्याज के आयात के लिए सरकार ने करार किया है। उसको देश में पहुंचने में समय लगेगा। क्योंकि मिश्र समेत कई देशों से अभी प्याज आयात में देरी है।
हालांकि पिछले दिनों भारत में मंहगे हुए प्याज के लिए अफगानिस्तान ने भारत की मदद दी थी और भारत को प्याज का निर्यात किया था। लेकिन इस बार अफगानिस्तान से प्याज का आयात नहीं किया गया है। फिलहाल केन्द्र सरकार ने 1.2 लाख मीट्रिक टन प्याज़ आयात करने का फ़ैसला किया था। लेकिन फिलहाल इससे राहत मिलने वाली नहीं है। क्योंकि इसके पहुंचने के बाद ही देश में प्याज की कीमतों में कमी आएगी।