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भाजपा से नाराज ओपी राजभर सपा-बसपा गठबंधन से कर सकते हैं चुनावी गठजोड़?

Published : Mar 27, 2019, 10:30 AM IST
भाजपा से नाराज ओपी राजभर सपा-बसपा गठबंधन से कर सकते हैं चुनावी गठजोड़?

सार

उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर एक बार फिर भाजपा से नाराज चल रहे हैं। राजभर अपनी अगली रणनीति के तहत आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलेंगे। 

उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर एक बार फिर भाजपा से नाराज चल रहे हैं। राजभर अपनी अगली रणनीति के तहत आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलेंगे। राजभर ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि अगर भाजपा राजभर को सम्मानजक सीटें नहीं देती हैं तो वह सपा-बसपा के साथ चुनावी गठजोड़ कर सकते हैं।

सुभासपा ने एक बार फिर भाजपा पर दबाव बनाना शुरू किया है। ओपी राजभर अपनी नई सियासी पारी फिर शुरू करने के लिए आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिल सकते हैं। हालांकि सुभासपा की तरफ से  अपना सियासी रास्ता अलग चुनने को तैयार है। पिछले दिनों ओपी राजभर की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात हुई थी और उन्होंने अपनी सभी शिकायतें शाह के समक्ष रखी थी। शाह ने भी लोकसभा चुनाव में समुचित सम्मान देने का वादा राजभर से किया था। लेकिन अभी तक भाजपा ने राजभर की पार्टी को राज्य में लोकसभा की सीटें नहीं दी हैं। राजभर यूपी में चार लोकसभा की सीटें मांग रहे हैं जबकि भाजपा उन्हें दो सीटें देने को तैयार है।

लेकिन अभी तक भाजपा ने इस पर फैसला नहीं लिया है। लिहाजा ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा से नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर भाजपा बुधवार तक इस बारे में कोई फैसला नहीं लेती है तो वह सपा अध्यक्ष से मिलेंगे और भाजपा से अलग होने का ऐलान कर देंगे। उधर राजभर की पार्टी के नेता मंगलवार को अमित शाह से नहीं मिल पाए, हालांकि उनकी मुलाकात उत्तर प्रदेश के प्रभारी जेपी नड्डा से हुई। गौरतलब है कि 2017 का यूपी में विधानसभा चुनाव सुभासपा ने भाजपा के साथ मिलकर लड़ा और उसे चार सीटें मिली थी। इसके बाद राजभर को प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।

भाजपा के रूख को देखते हुए सुभासपा के रणनीतिकारों ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से संपर्क किया है। हालांकि सपा भी पहले सुभासपा को अपने साथ जोड़ना चाहती थी। सूत्रों के मुताबिक राजभर की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से दो बार बात हो चुकी है। राजभर से पहले अपना दल भी भाजपा से नाराज चल रहा था और अनुप्रिया पटेल ने प्रियंका गांधी से मुलाकात भी की थी। लेकिन बाद में अमित शाह से मुलाकात के अनुप्रिया पटेल में एनडीए में ही रहने का फैसला किया था।

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