पहले से कंगाल पाकिस्तान को भारत से मिला करोड़ो का झटका

By Team MyNationFirst Published Mar 19, 2019, 2:51 PM IST
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पाकिस्तान का समय इन दिनों खराब चल रहा है। उसकी अर्थव्यवस्था तबाही की कगार पर पहुंच गई है, इसके बावजूद उसे मुकदमेबाजी में कई करोड़ रुपया खर्च करना पड़ा। फिर भी वह मुकदमा हार गया और उसे भारत को एक बड़ी रकम चुकानी पड़ी। 

कराची: कंगाली में आटा गीला होने की कहावत इन दिनों पाकिस्तान पर पूरी तरह लागू हो रही है। अपनी ढहती अर्थव्यवस्था के बावजूद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड(पीसीबी) ने भारत को 16 लाख डॉलर(11 करोड़ रुपए) की रकम चुकाई है। 

यह बात खुद पीसीबी अध्यक्ष एहसान मनी ने स्वीकार की है। उन्होंने सोमवार को बयान दिया कि पीसीबी ने आईसीसी की विवाद समाधान समिति में मुकदमा हारने के बाद बीसीसीआई को मुआवजे के रूप लगभग 11 करोड़ रुपए चुकाए हैं। 

लेकिन पाकिस्तान की मुसीबत इतने पर ही खत्म नहीं होती। पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस मुकदमे को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। पीसीबी अधिकारियों ने यह मुकदमा लड़ने में लगभग 22 लाख डॉलर यानी लगभग 15 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च भी किया। 

यानी मात्र एक झूठे दावे के लिए पाकिस्तान के 26 करोड़ रुपए बेवजह खर्च हो गए। 

पूरा मामला कुछ इस प्रकार है। दरअसल पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई पर समझौता ज्ञापन का सम्मान नहीं करने का मामला दर्ज किया किया था। इस समझौते के मुताबिक 2015 से 2023 तक भारत को पाकिस्तान के खिलाफ छह द्विपक्षीय श्रृंखला खेलनी थी, जिससे बीसीसीआई ने इनकार कर दिया था। क्योंकि भारत सरकार ने बीसीसीआई को पाकिस्तान के साथ खेलने की अनुमति नहीं दी थी। 

 पाकिस्तान का कहना था कि भारत ऐसा नहीं कर सकता। क्योंकि दोनों देशों के बीच खेलने का समझौता कानूनी रूप से बाध्यकारी था। लेकिन बीसीसीआई अधिकारियों ने दावा किया कि वह महज एक प्रस्ताव था। 

जिसके बाद पीसीबी ने इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड यानी आईसीसी में मुकदमा दर्ज कर दिया।
 
लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का यह दांव उल्टा पड़ गया। वह आईसीसी में यह मुकदमा हार गया और उसे उल्टा भारत को ही 11 करोड़ रुपए चुकाने पड़े। जिसमें भारत को भुगतान की गई राशि के अलावा अन्य खर्च कानूनी फीस और यात्रा से संबंधित थे।

पीसीबी ने पिछले साल बीसीसीआई के खिलाफ आईसीसी की विवाद समाधान समिति के समक्ष लगभग सात करोड़ डॉलर के मुआवजे का दावा करते हुए मामला दायर किया था। 

पाकिस्तान ने यह मुकदमा लड़ने के लिए लगभग 15 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च किया था। लेकिन उसका यह पैसा तो डूबा ही, साथ ही उसे भारत को 11 करोड़ का मुआवजा भी देना पड़ा। 
 

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