पाकिस्तानी अखबारों में छाया रहा विंग कमांडर अभिनंदन की बहादुरी का किस्सा

By Anshuman AnandFirst Published Feb 28, 2019, 6:19 PM IST
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विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान पाकिस्तान के कब्जे से आजाद हो जाएंगे। लेकिन इन दो दिनों में वह सिर्फ भारत ही नहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान के मीडिया की सुर्खियों में भी लगातार बने रहे। पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ ने उनके विमान के दुर्घटनाग्रस्त होकर गिरने से लेकर गिरफ्तार होने तक की पूरी कहानी बयां की है। जिससे जाहिर होता है कि विंग कमांडर अभिनंदन ने कितनी बहादुरी और धीरज से विपरीत परिस्थितियों का सामना किया।  

पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ ने विंग कमांडर अभिनंदन के पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में पहुंचने की कहानी बयां की है। यह अखबार पीओके के निवासी रज्जाक के हवाले से लिखता है कि कैसे उसने सबसे पहले पहले अभिनंदन के विमान को आग के गोले में बदलकर गिरते हुए देखा। 

फिर रज्जाक को पैराशूट के जरिए उतरते हुए विंग कमांडर अभिनंदन दिखाई दिए। वह बिल्कुल सुरक्षित थे। जिसके बाद रज्जाक ने फोन करके लोगों को जुटा लिया। 

इन लोगों ने अभिनंदन को घेर लिया और उन्हें भ्रमित करने के लिए झूठ बोला कि वह भारत में हैं। अभिनंदन ने इन लड़कों से पूछा कि यह गांव पाकिस्तान में है या भारत में? इस पर एक लड़के ने जवाब दिया कि यह भारत है। लेकिन उन लोगों के हाव भाव देखकर विंग कमांडर समझ गए कि यह लोग झूठ बोल रहे हैं। जिसके बाद सचाई का पता लगाने के लिए उन्होंने भारत माता की जय का नारा लगाया। 

जिसे सुनते ही पाकिस्तानियों को सच सामने आ गया, वह पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाते हुए विंग कमांडर अभिनंदन पर पत्थरों से हमला करने लगे। 

हालांकि अभिनंदन के पास तब भी उनकी सर्विस पिस्तौल मौजूद थी, लेकिन उन्होंने किसी सिविलियन को निशाना नहीं बनाया। बल्कि उन्होंने लोगों को भगाने के लिए हवाई फायर करते हुए दौड़कर भारतीय सीमा तक पहुंचने की कोशिश की। लेकिन वह बहुत दूर थी। 

उधर उग्र पाकिस्तानियों की भीड़ लगातार उनका पीछा कर रही थी और उनपर पत्थर बरसा रही थी। तब तक विंग कमांडर अभिनंदन समझ गए थे कि जल्दी ही उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा।

इसके बाद वह वहां मौजूद एक तालाब में कूद गए और अपने पास मौजूद सभी आधिकारिक दस्तावेज नष्ट कर दिए। सैनिकों को युद्धबंदी होने की स्थिति में ऐसा करने की ट्रेनिंग दी जाती है। जिससे कि दुश्मन को हमारी रणनीति का पता नहीं चले। 

लेकिन ऐसा करते हुए वह पाकिस्तानियों द्वारा बरसाए जा रहे पत्थरों से घायल हो गए थे। फिर भी बहादुर विंग कमांडर ने अपना धीरज नहीं खोया और किसी को भी अपनी गोली का निशाना नहीं बनाया।

लेकिन लगातार हवाई फायर करने की वजह से उनकी पिस्तौल की गोलियां खत्म हो गईं और भीड़ ने उन्हें घेरकर मारपीट शुरु कर दी। लेकिन तब तक पाकिस्तानी सेना के लोग वहां आ गए थे। 
जिन्होंने विंग कमांडर अभिनंदन को हिरासत में ले लिया और उन्हें पाकिस्तानी सेना की भिम्बेर स्थित यूनिट में ले जाया गया। 

अभिनंदन ने पाकिस्तान की गिरफ्त में जाकर भी बेहद बहादुरी और धैर्य से परिस्थितियों का सामना किया और देश का सम्मान बनाए रखा। 

अब पूरा देश हमारे बहादुर विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान की वापसी का इंतजार कर रहा है, जिसकी अब महज औपचारिकता बाकी है। 
 


 

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