एनडीए में ही रहने का फैसला कर सकते हैं पासवान, भाजपा को राहत

By Team MyNationFirst Published Dec 22, 2018, 12:10 PM IST
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बिहार में पासवान और जनता दल(यूनाइटेड) के बीच सीटों के बंटवारे पर आज फैसला हो सकता है। पासवान बिहार में छह लोकसभा सीटें मांग रहे हैं। जबकि भाजपा उन्हें दो सीटें देने को तैयार थी। लेकिन पासवान की नाराजगी के बाद भाजपा और जद(यू) उन्हें पांच सीटें दे सकती हैं।

भाजपा से नाराज चल रहे लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान आज एनडीए में ही रहने का फैसला कर सकते हैं। बिहार में पासवान और जनता दल(यूनाइटेड) के बीच सीटों के बंटवारे पर आज फैसला हो सकता है। पासवान बिहार में छह लोकसभा सीटें मांग रहे हैं। जबकि भाजपा उन्हें दो सीटें देने को तैयार थी। लेकिन पासवान की नाराजगी के बाद भाजपा और जद(यू) उन्हें पांच सीटें दे सकती हैं। 
बिहार में एनडीए के बीच सीटों के बंटवारे पर केन्द्र की भाजपा सरकार से नाराज चल रहे राम विलास पासवान राज्य में पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान आज कर सकते हैं।

पासवान की नाराजगी को दूर करने के लिए शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राम विलास पासवान, चिराग पासवान से मुलाकात की। इसके बाद पासवान परिवार ने वित्त मंत्री अरूण जेटली के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद ऐस माना जा रहा है कि एलजेपी के साथ सीटों के बंटवारे पर समझौता हो गया है। राज्य में एलजेपी के पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है, वहीं पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान को राज्य सभा भेजा जा सकता है

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इससे पहले घोषणा की थी कि उनकी पार्टी और जेडीयू राजनीतिक रूप से अहम बिहार में बराबर संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. कुछ दिन पहले ही उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा ने बिहार में लोकसभा सीटों के बंटबारे के लिए एनडीए से अपना गठबंधन तोड़ लिया था। कुशवाहा बिहार में ज्यादा सीटें चाहते थे। लेकिन भाजपा और सहयोगी दल उन्हें ज्यादा सीटें देने के पक्ष में नहीं थे। भाजपा ने उन्हें बिहार में दो सीटें दी थी। इसके बाद कुशवाहा ने एनडीए से गठबंधन तोड़ लिया।

अब कुशवाहा यूपीए में जाने की तैयारी में है और वह पार्टी महासचिव अहमद पटेल में भी मिल चुके हैं। असल में तीन राज्यों में भाजपा को मिली हार के बाद सहयोगी दल ज्यादा आक्रामक हो गए हैं और उनमें असंतोष उभरने लगा है। अब राम विलास पासवान की अगुवाई वाली राजशपा भी भाजपा से नाराज है। पार्टी नेता चिराग पासवान ने सोशल मीडिया ट्विटर के जरिए अपनी नाराजगी जताई है। असल में चिराग पासवान ने ट्वीट में लिखा, 'गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भाजपा के नेताओं से मुलाकात हुई है और अब बात आगे नहीं बढ़ रही है। इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुकसान हो सकता है।

चिराग ने लिखा है कि टीडीपी और रालोसपा के एनडीए से जाने के बाद गठबंधन नाजुक मोड़ से गुज़र रहा है। ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी को गठबंधन में फिलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मानपूर्वक तरीक़े से दूर करे। जाहिर है चिराग पासवान का ये बयान सीट शेयरिंग में ज्यादा हिस्सेदारी को लेकर किया गया है।  लोकसभा चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी सीटों पर स्थिति साफ कर लेना चाहती है, लेकिन बीजेपी अभी तक इस मामले में चुप्पी साधे हुए है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहले ही साफ कह चुके हैं कि बिहार में बीजेपी और नीतीश कुमार की पार्टी जदयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगीं।

उधर गुरूवार को चिराग पासवान ने इससे पहले जेटली को पत्र लिखकर यह समझाने के लिए कहा था कि नोटबंदी से देश को क्या लाभ हुए। उन्होंने यह भी ट्वीट किया था कि सीट बंटवारे की घोषणा में देरी से सत्ताधारी गठबंधन को नुकसान हो सकता है। असल में पासवान परिवार की यह पूरी कवायद लोकसभा की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए थी। जिस पर वो सफल भी हुए हैं।

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