दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा एक जाति विशेष का वोट काटे जाने का आरोप लगाना महंगा पड़ सकता है। पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन जारी कर 30 अप्रैल को पेश होने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने बीजेपी नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा था कि वोट कटने और जुड़ने का प्रोसेस क्या है। राजीव बब्बर ने ही केजरीवाल और अन्य के खिलाफ मानहानि की याचिका दायर की है।
कोर्ट में दायर याचिका में इस बात की शिकायत की गई है कि केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उसने दिल्ली में मतदाता सूची से अग्रवाल मतदाताओं के नाम कटवा दिए है। दिल्ली भाजपा का कहना है कि केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर रहते हुए जो टिप्पणी की है उससे पार्टी की छवि खराब हुई है।
केजरीवाल ने आठ दिसंबर 2018 को ट्वीट कर दावा किया था कि, अग्रवाल समाज के दिल्ली में कुल आठ लाख वोट है जिनमे से लगभग चार लाख भाजपा ने वोट कटवा दिए हैं? इतना ही नही केजरीवाल ने कहा आजतक यह समाज भाजपा का कट्टर वोटर था। इस बार नोटबंदी और जीएसटी के चलते ये समाज नाराज है तो बीजेपी ने इनके वोट ही कटवा दिए? यह बेहद शर्मनाक है।
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने चुनाव आयोग से भी इस मामले की शिकायत की थी। लेकिन चुनाव आयोग ने इस आरोप को खारिज कर दिया था।
आप नेता आतिशी मर्लेना ने कहा था कि कई जिंदा लोगों को भी मृत दिख दिया गया था। उन्होनें कहा था कि चुनाव आयोग द्वारा यह अब भाजपा को लाभ पहुचाने के लिए किया जा रहा है। उनका आरोप था कि दिल्ली के नए फार्म नहीं लिए जा रहे है।
आतिशी ने दावा किया था कि पूर्वी दिल्ली लोकसभा के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में जिनके नाम काटे गए हैं, उनमें ज्यादातर लोग मुस्लिम, पूर्वांचल समाज और बनिया समाज के हैं।
अदालत ने आप नेताओ के इस तरह के दावों पर संज्ञान लेते हुए केजरीवाल को अदालत में तलब किया है।