पवार आज करेंगे महाराष्ट्र पर सोनिया गांधी से चर्चा, उद्धव को मिल सकता है कांटों वाला महाराष्ट्र का ताज

By Team MyNation  |  First Published Nov 18, 2019, 8:42 AM IST

महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर औपचारिक तौर पर कोई ऐलान नहीं हुआ है। हालांकि परदे के पीछे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेतओं के बीच बैठकें जारी हैं। कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी को राज्य में शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर दिक्कत है। क्योंकि कांग्रेस आला कमान को लग रहा है कि शिवसेना के साथ जाने से कांग्रेस से अल्पसंख्यक वोट बैंक नाराज होगा। यही नहीं शिवसेना का अल्पसंख्यक विरोधी चेहरा और उसके मुद्दे उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। 

नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार आज कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई में बनने वाली सरकार के गठन के लिए बातचीत कर सकते हैं। हालांकि राज्य में तीन दलों ने सीएमपी तय कर लिया है। जिसके बाद आज की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। रविवार को महाराष्ट्र में एनसीपी की कोर कमेटी की बैठक सरकार के गठन के लिए हुई है।

महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर औपचारिक तौर पर कोई ऐलान नहीं हुआ है। हालांकि परदे के पीछे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेतओं के बीच बैठकें जारी हैं। कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी को राज्य में शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर दिक्कत है। क्योंकि कांग्रेस आला कमान को लग रहा है कि शिवसेना के साथ जाने से कांग्रेस से अल्पसंख्यक वोट बैंक नाराज होगा। यही नहीं शिवसेना का अल्पसंख्यक विरोधी चेहरा और उसके मुद्दे उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं।

हालांकि राज्य के 37 विधायक तो एनसीपी और शिवसेना से सरकार बनाने के पक्ष में हैं। विधायकों का कहना है कि अगर कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं होती है तो राज्य में उसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। लिहाजा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इसके लिए मंथन कर रही हैं। हालांकि कांग्रेस में शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए स्पष्ट राय नहीं बनी है। लेकिन एनसीपी की तरफ से कांग्रेस पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह सरकार में शामिल हो।

अभी तक तीनों दलों के बीच जो सीएमपी बना है। उसके मुताबिक सरकार में 14-14 विभाग शिवसेना और एनसीपी के होंगे। जबकि कांग्रेस के खाते में12 विभाग होंगे। वहीं विधानसभा अध्यक्ष भी कांग्रेस का होगा। जबकि सरकार में एनसीपी और कांग्रेस का एक उपमुख्यमंत्री भी होगा। शिवसेना ने एनसीपी के साथ 50-50 सीट शेयरिंग का फार्मूला लागू किया है। जिसके तहत राज्य में ढाई साल की सरकार शिवसेना और ढाई साल की सरकार एनसीपी  की होगी।

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