देश में पीएम रिलीफ फंड के बदले पीएम केयर्स फंड की शुरूआत करना कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है। लिहाजा अब कांग्रेस इसके जरिए भाजपा को घेर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब पीए केयर को लेकर सवाल उठा रहे हैं। कोरोना संकट कांग्रेस ने पिछले दिनों कहा था कि वह इस घड़ी में राजनीति नहीं करेगी और कोरोना से लड़ने के लिए सरकार को समर्थन देगी।
नई दिल्ली। कोरोना संकट में कांग्रेस केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने में पीछे नहीं हैं। जबकि कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि ये वक्त राजनीति करने का नहीं है। उसके बावजूद कांग्रेस को केन्द्र सरकार के कई फैसलों पर संदे है। अब कांग्रेस ने पीएम केयर्स फंड को लेकर आपत्ति जताई है ओर कहा कि पीएम केयर्स फंड में एकत्रित हुए धन की ऑडिटिंग होनी चाहिए।
देश में पीएम रिलीफ फंड के बदले पीएम केयर्स फंड की शुरूआत करना कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है। लिहाजा अब कांग्रेस इसके जरिए भाजपा को घेर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब पीए केयर को लेकर सवाल उठा रहे हैं। कोरोना संकट कांग्रेस ने पिछले दिनों कहा था कि वह इस घड़ी में राजनीति नहीं करेगी और कोरोना से लड़ने के लिए सरकार को समर्थन देगी। लेकिन कांग्रेस अब राजनीति से बाज नहीं आ रही है। लिहाजा अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम केयर्य को लेकर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री केयर फंड में इकट्ठा हुए पैसे की ऑडिटिंग होनी चाहिए। ताकि बात साफ हो कि ये पैसा कहां से आया है। असल में कांग्रेस प्रधानमंत्री राहत कोष के अस्तित्व को खत्म नहीं करने के पक्ष में है। क्योंकि इसे कांग्रेस सरकार ने शुरू किया था। लिहाजा अगर पीए राहत कोष की जगह पीएम केयर्स फंड लेता है तो कांग्रेस के लिए ये एक झटका होगा। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के फैसलों में पारदर्शिता होना चाहिए।
वहीं राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को छोटे कारोबारों की मदद करनी चाहिए और मजदूरों के खातों में 7500 रुपये भेजने चाहिए। ताकि इस संकट में उन्हें आर्थिक मदद मिल सके। गौरतलब है कि मजदूरों के रेल किराये को वापस करने के फैसले को लेकर सोनिया गांधी अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में फंस गई हैं। जहां मजदूर उन पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रहे हैं और अपना किराया वापस मांग रहे हैं। पिछले दिनों ही सोनिया गांधी ने कहा था कि कांग्रेस प्रवासी मजदूरों का किया वापस करेगी।