क्या नाराज पीएम मोदी की मंत्रियों पर गिर सकती है गाज, जानें क्यों मांगी सूची

By Team MyNation  |  First Published Jul 16, 2019, 5:08 PM IST

आज भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी ने संसद में कार्यवाही के दौरान गायब रहने वाले मंत्रियों और सांसद की सूची मांगी है। असल में संसद की कार्यवाही के दौरान कई बार मंत्री गायब हो जाते हैं। जिसके कारण सदन में सरकार की किरकिरी होती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद से कार्यवाही के दौरान गायब रहने वाले मंत्रियों की सूची मांगी है। जाहिर है कि पीएम मंत्रियों के संसद की कार्यवाही के दौरान गायब रहने से काफी नाराज हैं। हालांकि पीएम नरेन्द्र मोदी पहले ही मंत्रियों और सांसदों के कार्यवाही के दौरान गायब न रहने की सख्त हिदायत दे चुके हैं। पीएम खासतौर से संसद में रोस्टर ड्यूटी से गायब रहने वाले मंत्रियों को लेकर ज्यादा नाराज हैं। 

आज भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी ने संसद में कार्यवाही के दौरान गायब रहने वाले मंत्रियों और सांसद की सूची मांगी है। असल में संसद की कार्यवाही के दौरान कई बार मंत्री गायब हो जाते हैं।

जिसके कारण सदन में सरकार की किरकिरी होती है। लिहाजा आज पीएम ने इसकी सूची तैयार कर उन्हें देने को कहा है। आज भाजपा की संसदीय दल की बैठक में पीएम ने सासंदों को अपने क्षेत्रों में नए नए तरीकों के जरिए जनता की समस्याओं को सुलझाने को कहा।

ऐसा माना जा रहा है कि पीएम की नाराजगी कुछ मंत्रियों और सांसदों पर भारी पड़ सकती है। क्योंकि पीएम मंत्रियों के इस व्यवहार से इस कदर नाराज हैं कि उन्होंने शाम तक इस पर सूची देने को कहा है। पीएम ने कहा कि जब मंत्री ही अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे तो दूसरे सामान्य जनता से आप किसी भी तरह की क्या अपेक्षा करेंगे।

भारतीय जनता पार्टी की साप्ताहिक संसदीय बैठक में पीएम मोदी ने मंत्रियों और नेताओं को सख्त संदेश दिया। असल में ऐसा कहा जा रहा कि संसद में रोस्टर ड्यूटी लगने के बावजूद मंत्री संसद में मौजूद नहीं रहते हैं। गौरतलब है कि पीएम मोदी हाल ही में सांसदों के पांच गुटों से मिल चुके हैं।

उन्होंने सभी सांसदों से कहा कि वह अपने क्षेत्र में विकास के लिए योजनाओं को सही तरीके से लागू करें। पीएम मोदी महिला सांसदों से भी अकेले में मिल चुके हैं ताकि उनकी समस्याओं को दूर किया जा सके और उनके जरिए सरकार की योजनाओं को आधी आबादी तक पहुंचाया जा सके।

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