2030 तक 40 प्रतिशत बिजली अक्षय ऊर्जा संसाधनों से पैदा होगी, पीएम मोदी का ऐलान

By PTI BhashaFirst Published Oct 3, 2018, 9:26 AM IST
Highlights

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिजली उत्पादन में प्रदूषण फैलाने वाले ईंधनों के इस्तेमाल में कमी लाने पर जोर देते हुये मंगलवार को कहा कि देश में 2030 तक 40 प्रतिशत बिजली उत्पादन सौर एवं पवन जैसे अक्षय ऊर्जा संसाधनों से किया जायेगा। 

नई दिल्ली— पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रदूषण फैलाने वाले कोयला की बजाय सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्र में व्याप्त संभावनाओं को भुनाने की दिशा में काम कर रहा है।

मोदी ने विश्वास जताया कि 121 देशों का अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईसा) आने वाले समय में विश्व की ऊर्जा जरूरतों के क्षेत्र में वही भूमिका निभाएगा, जो वर्तमान में तेल निर्यातक देशों का संगठन ‘ओपेक’ निभा रहा है।

आईसा की पहली बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले वर्षों में सौर ऊर्जा वैश्विक ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में वही भूमिका निभाएगा, जो पिछले कई दशक से तेल के कुओं द्वारा निभाई जा रही है। 

उन्होंने कहा कि इंसान पिछले 150-200 साल से अपनी बिजली जरूरतों की पूर्ति के लिए पृथ्वी के भीतर मौजूद संसाधनों पर निर्भर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब धरती के ऊपर मौजूद सौर और पवन ऊर्जा जैसे संसाधनों के इस्तेमाल का वक्त आ गया है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया भर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अक्षय ऊर्जा पर जोर देने की हिमायत की। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के सभी देशों को आईसा में शामिल करना चाहता है। 

उन्होंने कहा कि जल्द ही 50 गीगावॉट अतिरिक्त अक्षय ऊर्जा की क्षमता हासिल कर ली जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में शीघ्र ही कुल ऊर्जा में गैर-हाइ्ड्रो नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान 20 प्रतिशत तक होगा।

उन्होंने कहा, “यह सौर विनिर्माण में निवेश का सही समय है।” 

प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक सौर विनिर्माण क्षेत्र में 70 से 80 अरब डॉलर तक के निवेश की संभावनाएं मौजूद हैं। 

उन्होंने कहा कि 31 करोड़ एलईडी बल्ब से एक साल में 4,000 करोड़ यूनिट बिजली की बचत हुई जिससे 16,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 28 लाख सौर पंप से हर साल 10 गीगावाट बिजली की बचत हो सकती है।
 

click me!