जानें दो घंटे में ही पीएम मोदी ने कैसे साध लिया श्रीलंका को, चीन की बढ़ेंगी मुश्किलें

By Team MyNationFirst Published Jun 9, 2019, 12:08 PM IST
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पीएम नरेन्द्र मोदी की केन्द्र में एनडीए की दूसरी सरकार बनने के बाद ये पहली विदेश यात्रा है। जबकि अपने पहले कार्यकाल में वह दो बार श्रीलंका जा चुके हैं। इस यात्रा को अहम माना जा रहा है। क्योंकि चीन श्रीलंका में अपना विस्तार रहा है। जो भारत के लिए चिंता का विषय है। पीएम नरेन्द्र मोदी 2015 और 2017 में भी श्रीलंका की यात्रा पर जा चुके हैं। श्रीलंका में पहुंचते ही एयरपोर्ट पर वहां के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने उनका स्वागत किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने पहले विदेश दौरे के दूसरे दिन आज श्रीलंका पहुंचे। हालांकि ये पीएम मोदी का संक्षिप्त दौरा है। श्रीलंका पहुंचने पर वहां के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने उनका एयरपोर्ट पर स्वागत किया। श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए हमलों के बाद किसी देश के पीएम का वहां पर ये पहला दौरा है।

पीएम नरेन्द्र मोदी की केन्द्र में एनडीए की दूसरी सरकार बनने के बाद ये पहली विदेश यात्रा है। जबकि अपने पहले कार्यकाल में वह दो बार श्रीलंका जा चुके हैं। इस यात्रा को अहम माना जा रहा है। क्योंकि चीन श्रीलंका में अपना विस्तार रहा है। जो भारत के लिए चिंता का विषय है। पीएम नरेन्द्र मोदी 2015 और 2017 में भी श्रीलंका की यात्रा पर जा चुके हैं।

श्रीलंका में पहुंचते ही एयरपोर्ट पर वहां के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने उनका स्वागत किया। हालांकि पीएम नरेन्द्र मोदी का ये दौरा महज दो घंटे का है। पीएम मोदी वहां श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना से भी मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही वह विपक्ष के नेता महिंदा राजपक्षे और फिर तमिल राष्ट्रीय गठबंधन के नेताओं से भी मिलेंगे। 

Sri Lanka: Prime Minister Narendra Modi arrives in Colombo, received by Sri Lankan Prime Minister Ranil Wickremesinghe pic.twitter.com/OjRRHRnPf1

— ANI (@ANI)

गौरतलब है कि पीएम नरेन्द्र मोदी मोदी ईस्टर के दौरान हुए हमलों के बाद वहां जाने वाले पहले पीएम हैं। हालांकि हमलों के बाद पीएम मोदी ने इसकी निंदा की थी और श्रीलंका को पूरी मदद देने का वादा किया था। पीएम मोदी पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंध बनाने की नीति के तहत इन देशों के दौरे पर हैं। मालदीव को पीएम मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में नहीं बुलाया था।

क्योंकि इस बार सार्क देशों के बजाए विम्सटेक देशों को इसमें आमंत्रित किया था। ये भी पीएम मोदी की एक रणनीति थी। क्योंकि विम्सटेक में पाकिस्तान और मालदीव शामिल नहीं है। लिहाजा पीएम मोदी ने इसके जरिए कड़ा संदेश पाकिस्तान को दिया था। लेकिन उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा में मालदीव जाकर दोनों देशों के रिश्तों की अहमियत बताई है। 

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